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    'सिर्फ ऑफिस आ जा रही हूं, 14 साल में एक बार भी नहीं मिली फील्ड पोस्टिंग', महिला IAS अफसर नेहा मारव्या का छलका दर्द

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 09:13 AM (IST)

    आईएएस नेहा मारव्या ने व्हाट्सएप ग्रुप में अपना दुख शेयर किया है। 2011 बैच की महिला आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या को कलेक्टरी नहीं मिलने का दुख है। आईएएस अधिकारी ने लिखा कि 14 साल से आईएएस की सेवा में हूं लेकिन मुझे कभी भी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली। इसके आगे मारव्या ने लिखा कि बहुत दुख होता है कि जब इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

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    IAS अफसर नेहा मारव्या ने शेयर किया अपना दर्द

    जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारियों की सर्विस मीट चल रही है। इस बीच आईएएस नेहा मारव्या ने व्हाट्सएप ग्रुप में अपना दुख शेयर किया है। 2011 बैच की महिला आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या को कलेक्टरी नहीं मिलने का दुख है।

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    आईएएस अधिकारी ने लिखा कि 14 साल से आईएएस की सेवा में हूं, लेकिन मुझे कभी भी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली। नेहा ने आगे कहा, ऐसे में एक अफसर का करियर संतुलित कैसे होगा? इससे पहले भी कई बार नेहा मारव्या अपने चैट और बयान को लेकर चर्चा में रही हैं।

    '14 साल में 4 साल की कलेक्टरी मिलनी चाहिए'

    दरअसल, युवा आरआर आईएएस के नाम से बने एक व्हाट्सएप ग्रुप में आईएएस अधिकारी ज्ञानेश्वर पाटिल ने एक कांसेप्ट नोट पोस्ट कर लिखा था कि सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों को 14 साल में चार साल की कलेक्टरी मिलना चाहिए। इससे उन्हें न सिर्फ फील्ड का नॉलेज मिल पाता है बल्कि उन्हें प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक के बारे में भी पता चलता है।

    इससे उन्हें आगे चलकर प्रदेश की परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। वे अच्छी तरह से प्रदेश को समझ पाते हैं। इसे लेकर एक अन्य आईएएस एम रघुराज ने युवा आईएएस अफसरों से सुझाव मांगे थे।

    फील्ड में नहीं मिली नौकरी

    इस पर मारव्या ने लिखा कि बहुत दुख होता है कि जब इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है। मुझे 14 साल की नौकरी में एक बार भी फील्ड की पोस्टिंग नहीं मिली। साढ़े तीन साल मुझे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उप सचिव बनाकर बैठाया गया। फिर मुझे ढाई साल से राजस्व विभाग में उप सचिव बिना काम के बनाया हुआ है।

    दीवारों में मुझे कैद करके रख दिया

    नौ महीने से मैं सिर्फ ऑफिस आती हूं और चली जाती हूं। दीवारों में मुझे कैद करके रख दिया गया है। मैं अकेले होने का दर्द बहुत अच्छे से समझ सकती हूं। इस वजह से मैं अपने सारे जूनियरों को यह विश्वास दिलाती हूं कि कोई भी जूनियर अकेला नहीं रहेगा मैं सबकी हर संभव मदद करूंगी, चाहे में किसी भी पद पर रहूं।

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