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MP Sthapna Diwas: देश का हृदय व भारत का हीरा उत्‍पादक राज्‍य मध्‍य प्रदेश 1 नवंबर को मनाएगा अपना स्‍थापना दिवस

Madhya Pradesh Sthapna Diwas देश का हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक क्षेत्रों से लेकर इतिहास के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को अपने में समाए हुए हैं। यहां के जंगलों में देश में सबसे ज्यादा बाघ हैं तो सांची खजुराहो में इतिहास समाया हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Sun, 30 Oct 2022 02:52 PM (IST)
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MP Foundation Day 2022: एक नवंबर को मध्‍य प्रदेश मनाएगा अपना स्‍थापना दिवस

भोपाल, जागरण ऑनलाइन डेस्क। Madhya Pradesh Sthapna Diwas:  मध्य प्रदेश एक नवंबर को अपना स्‍थापना दिवस मनाएगा। सन् 1956 में राज्‍यों के पुनर्गठन के फलस्‍वरूप 1 नवंबर 1956 को नया राज्‍य मध्‍य प्रदेश अस्तित्‍व में आया। 31 अक्‍टूबर को मध्‍य प्रदेश का विभाजन करके एक नवंबर 2000 को देश के 26 वें राज्‍य के रूप में छत्‍तीसगढ़ का गठन किया गया। देश का हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक क्षेत्रों से लेकर इतिहास के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को अपने में समाए हुए हैं। यहां के जंगलों में देश में सबसे ज्यादा बाघ हैं तो सांची, खजुराहो में इतिहास समाया हुआ है।  

भारत का हृदय प्रदेश

चूंकि देश के मध्‍य भाग में मध्‍य प्रदेश स्थित है इसलिये इसे भारत का हृदय प्रदेश भी कहा जाता है। मध्‍य प्रदेश का जन्‍म देश को आजादी मिलने के बाद हुआ। 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो मध्य भारत और विंध्य प्रदेश के नए राज्यों को पुरानी सेंट्रल इंडिया एजेंसी से अलग कर दिया गया। तीन साल बाद 1950 में मध्य प्रांत और बरार का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर दिया गया।

भू वैज्ञानिकों की दृष्टि से मध्‍य प्रदेश

क्‍या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं। मध्‍य प्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र और पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान राज्‍य है। भू वैज्ञानिक दृष्टि से मध्‍य प्रदेश सर्वाधिक प्राचीनतम गोंडवानालैंड भू संहति का भू भाग है। इसकी सरंचना आद्य, महाकल्‍प शैल समूह के आसपास हुई मानी जाती है।

मध्‍य प्रदेश की संस्‍कृति और इतिहास जो है खास

जानकारी हो कि मध्‍य प्रदेश की संस्‍कृति और इतिहास काफी समृद्ध है जिनमें अनेक रोचक पहलुओं की जानकारी मिलती है। मध्‍य प्रदेश का राज्‍य पशु बारहसिंघा और राज्‍य पक्षी दूधराज है। मध्‍य प्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद है। कर्क रेखा मध्‍य प्रदेश राज्‍य के बीच से नर्मदा नदी के लगभग समानांतर गुजरती है। मध्‍य प्रदेश को भारत के एकमात्र हीरा उत्‍पादक राज्‍य के रूप में भी जाना जाता है।

राष्‍ट्रीय उद्यान और अभयारण्‍य का क्षेत्र मध्‍य प्रदेश

मध्‍य प्रदेश राज्‍य खनिज संसाधनों की दृष्टि से बहुत संपन्‍न राज्‍य है। झारखंड के बाद मध्‍य प्रदेश का देश में दूसरा स्‍थान है। देश में सबसे अधिक राष्‍ट्रीय उद्यान और अभयारण्‍य का क्षेत्र मध्‍य प्रदेश में है। टाइगर स्‍टेट कहे जाने वाले राज्‍य मध्‍य प्रदेश में देश में सर्वाधिक बाघों वाला प्रदेश भी है।

मध्‍य प्रदेश धार्मिक रूप में इसलिए है खास

मालूम हो कि 12 शिव ज्योर्तिलिंग में से 2 (ओंकारेश्वर एवं महाकालेश्वर) मध्‍य प्रदेश में हैं | जानकारी के अनुसार भागवत पुराण के अनुसार मध्‍य प्रदेश के उज्जैन शहर के सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण, उनके भाई बलराम और उनके मित्र सुदामा ने अपनी शिक्षा पूरी की थी। उज्जैन में हर 12 साल में शिप्रा नदी के किनारे कुम्भ मेला लगता है।

मध्‍य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्‍थल

मध्य प्रदेश में स्थित भीमबेटका गुफाये पाषाण काल की है जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि मध्यप्रदेश 30 हजार ईसा पूर्व अस्तित्व में था। ये गुफाएं भारत में एक विश्व धरोहर स्थल भी हैं। भीमबैटका, पचमढ़ी, खजुरोहा, सांची के स्‍तूप, ग्‍वालियर का किला, मांडू, बाघ की गुफाएं, उज्‍जैन महाकालेश्‍वर और ओंकारेश्‍वर मध्‍य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्‍थल हैं। भीमबैटका में 600 गुफाओं का संग्रह है और इसे भारत के सबसे पुराने गुफा संग्रहों में से एक माना जाता है। यह अपनी अद्भुत राक नक्काशियों और चित्रों के लिए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

मध्य प्रदेश भारत के कई दिग्गजों का जन्मस्थान

मालूम हो कि स्‍वाधीनता संग्राम के इतिहास में भी मध्‍य प्रदेश के योगदान की जानकारी मिलती है। भारत के दो महान गायक संगीत सम्राट तानसेन और बैजू बावरा का जन्म ग्वालियर के पास हुआ था। मध्य प्रदेश भारत के कई दिग्गजों का जन्मस्थान रहा है, जैसे अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर, किशोर कुमार, जया बच्चन, मंसूर अली खान पटौदी, आदि कई अन्य महान व्यक्तियों का जन्म इस राज्य में हुआ है।

मध्‍य प्रदेश की अर्थ व्‍यवस्‍था कृषि प्रधान

मध्‍य प्रदेश की अर्थ व्‍यवस्‍था कृषि प्रधान है। राज्‍य की 70फीसद से अधिक जनसंख्‍या गांव में रहती है जिसका प्रत्‍यक्ष संबंध कृषि से है, मध्‍य प्रदेश का पहला आकाशवाणी केंद्र इंदौर में स्‍थापित किया गया। इसकी शुरुआत 22 मई 1955 को की गई थी।