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ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश भरेगा पॉवर सेक्टर में ऊंची उड़ान, खासियतें कर देंगी हैरान

ओंकारेश्वर के जलाशय में बनाया जा रहा है। इसको यहां पर इंस्टाल किया जाएगा जिससे बनने वाली बिजली को आसपास के इलाके में पहुंचाया जाएगा। जागरण की टीम ने इस प्रोजेक्ट को समझने के लिए सोलर विशेषज्ञ गौरव से बात की जो कि इस प्रोजेक्ट पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्लांट को ओमकारेश्वर के बैक वाटर में लगाया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Tue, 05 Sep 2023 03:24 PM (IST)
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पावर प्लांट के बन जाने से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।
भोपाल, डिजिटल टीम। दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग पावर प्लांट मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में बन रहा है। एमपी को पावर हब बनाने की दिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा कदम बढ़ाया है। खंडवा जिले में सोलर फ्लोटिंग पावर प्लांट बनाया जा रहा है जो कि करीब 600 मेगावाट बिजली बनाएगा। यह विश्व का सबसे बड़ा तैरता पावर प्लांट होगा। इस पावर प्लांट के बन जाने से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।

यह ओंकारेश्वर के जलाशय में बनाया जा रहा है। इसको यहां पर इंस्टाल किया जाएगा जिससे बनने वाली बिजली को आसपास के इलाके में पहुंचाया जाएगा। जागरण की टीम ने इस प्रोजेक्ट को समझने के लिए सोलर विशेषज्ञ गौरव से बात की जो कि इस प्रोजेक्ट पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्लांट को ओमकारेश्वर के बैक वाटर में लगाया जा रहा है। ये विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट होने वाला है। इसका निर्माण दो फेस में होना है। पहले फेस का काम यहां पर चल रहा है। यहां पर कुल तीन साइट्स पर काम चल रहा है। इसमें ग्राउंड वर्क का करीब 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि यहां सफल ट्रायल हो चुका है और आने वाले कुछ महीनों में आपको यह प्लांट पूरा पानी पर फ्लोटिंग होता हुआ दिखाई देगा। ये तीन साइट से करीब 300 मेगावाट बिजली मिलेगी। हर साइट करीब 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। इस प्रोजेक्ट के दोनों चरण पूरे हो जाएंगे तो इससे करीब 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। इसको बनाने में विश्व की बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ये प्रोजेक्ट करीब 12.5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा। अगर इस प्लांट को जमीन पर लगाया जाए तो यह करीब 1400 एकड़ जमीन में लगेगा लेकिन डैम में लगाने के कारण इतनी सारी भूमि की बचत होगी।- सोलर विशेषज्ञ गौरव

यहां पर प्रोजेक्ट लगाने में सबसे बड़ी समस्या ये आ रही थी कि यहां पर गहराई बहुत ज्यादा है। यहां पर लहर भी ज्यादा है। हालांकि यहां पर जो भी चुनौती देखने को मिल रही हैं। उनका समाधान कर लिया गया है।

मध्य प्रदेश के ऊर्जा एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि फ्लोटिंग सोलर प्लांट की सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि बदलते मौसम के साथ वाटर लेवल बहुत ज्यादा कम या ज्यादा न हो। ओंकारेश्वर डैम फ्लोटिंग सोलर प्लांट के लिए बिल्कुल आदर्श है। यहां पर हम पानी को लेवल को काफी हद का मेंटेन कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि सामान्यतः इतनी बड़ी जगह उपलब्ध नहीं होती है। अगर जलाशय बड़ा है तो उसके पानी में काफी उतार चढ़ाव होता है लेकिन यहां पर स्थिति हमारे नियंत्रण में रहती है। हम इसको पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करेंगे। इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इसी जिले में हाइड्रिक, थर्मल पावर और सोलर पावर प्रोजक्ट हैं। ये देश में ऐसा स्थान होगा जहां पर करीब 5000 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी। इसके साथ ही यहां पॉवर टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यहां पर लोग देख सकेंगे कि कैसे हाइड्रिक, थर्मल पावर और सोलर पावर प्रोजेक्ट काम करते हैं।

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