Mahakal Lok Ujjain: श्रद्धालुओं के लिए 12 से खुलेगा महाकाल लोक, जानें- कैसे पहुंचें और क्या है पार्किंग इंतजाम
Mahakal Lok Lokarpan श्रद्धालुओं के लिए महाकाल लोक 12 अक्टूबर से खुलेगा। इंदौर भोपाल सहित देश-प्रदेश के किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हरिफाटक ओवरब्रिज पर पहुंचना होगा। यहां से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर उतरना होगा।
By Jagran NewsEdited By: Vijay KumarUpdated: Mon, 10 Oct 2022 11:41 PM (IST)
उज्जैन, डिजिटल डेस्क। श्रद्धालुओं के लिए महाकाल लोक 12 अक्टूबर से खुलेगा। इंदौर, भोपाल सहित देश-प्रदेश के किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हरिफाटक ओवरब्रिज पर पहुंचना होगा। यहां से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर उतरना होगा। संग्रहालय के पास से ही नवनिर्मित महाकाल लोक का प्रवेश मार्ग है। करीब 150 मीटर चलने के बाद महाकाल लोक का नव्य-भव्य प्रवेश द्वार दिखाई देगा।
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इससे प्रवेश करने के बाद श्रद्धालुजन महादेव शिव की गाथा कहती प्रतिमाओं के दर्शन कर सकेंगे। बुजुर्गों, अशक्तों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की व्यवस्था है। महाकाल लोक में ही त्रिवेणी संग्रहालय के सामने सरफेस पार्किंग बनाई गई है।
ऐसे पहुंचे उज्जैन
विमान से इंदौर या भोपाल एयरपोर्ट पहुंचकर सड़क मार्ग से उज्जैन पहुंचा जा सकता है। इंदौर से उज्जैन करीब 55 किमी दूर है और भोपाल से उज्जैन 192 किमी दूर है। उज्जैन रेल मार्ग से जुड़ा है, यहां वाराणसी सहित कई बड़े शहरों के लिए ट्रेनें चलती हैं।
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- 920 मीटर है महाकाल प्रांगण की कुल लंबाई
- 20.25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है पूरा नवनिर्मित परिसर
- 856 करोड़ का है महाकाल लोक प्रोजेक्ट, इसमें पहले चरण के कार्य में 351 करोड़ का खर्च आया है
- 505 करोड़ रुपये का खर्च प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में खर्च होंगे जो जून 2023 तक पूरा होने की संभावना है
- 400 कैमरे निगरानी के लिए और आराम के लिए 200 से ज्यादा कुर्सियां लगाईं गई हैं
- 25 फीट ऊंची और 500 मीटर लंबी लाल पत्थर की दीवार में शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं का भित्तिचित्र बने हैं
- 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राएं बनी हुई हैं
- 200 प्रतिमाएं (छोटी-बड़ी) पूरे प्रांगण में बनाई गई हैं
- 2019 से ओडिशा व गुजरात के कलाकार तराश रहे प्रतिमाएं
- 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक बनी हैं
- 8 रूपों में शिव के दर्शन, शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव
- सप्त ऋषियों, नवग्रह की मूर्तियां भी स्थापित हैं