MP News: नाथ संप्रदाय के महंत श्रावणनाथ उर्फ उड़ी बाबा ने लगायी फांसी, महाराष्ट्र में भी हैं इनके अनुयायी
Mahant Shravannath Death मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पनसेमल क्षेत्र में महंत श्रवणनाथजी उर्फ उड़ी बाबा ने अपने आश्रम में फांसी लगा ली है। महाराष्ट्र के प्रसिद्ध तोरणमाल तीर्थ क्षेत्र में स्थित नाथ संप्रदाय की गादी के महंत का पदभार भी इनके पास था।
बड़वानी, जागरण आनलाइन डेस्क। नाथ संप्रदाय (Nath Community ) के प्रसिद्ध आश्रम में महंत श्रवणनाथजी (Mahant Shravannath ) उर्फ उड़ी बाबा (Udi Baba) ने शुक्रवार देर शाम मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी (Barwani) जिले के पनसेमल (Pansemal) क्षेत्र में अपने कमरे में फांसी लगा ली। उनकी मौत के कारण के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है।
महाराष्ट्र में भी है महंत के अनुयायी
महंत की फांसी लगाने की खबर फैलते ही आश्रम के आसपास रहने वाले सभी लोग वहां एकत्रित हो गए थे। एसपी दीपक कुमार शुक्ला भी रात में मौके पर पहुंए गए थे। हांलाकि मौत की वजह का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि क्षेत्र के लोगों ने बताया कि मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र में भी महंत के काफी संख्या में अनुयायी हैं।
मध्य प्रदेश के एक बड़े संत होने के साथ ही महंत श्रवणनाथजी उर्फ उड़ी बाबा महाराष्ट्र (Maharshtra) के प्रसिद्ध तोरणमाल तीर्थ क्षेत्र (Toranmal Tirth Area) में स्थित नाथ संप्रदाय की गादी के महंत का पदभार भी इनके पास था। महंत के आश्रम में प्रतिवर्ष नाथ संप्रदाय के संत व श्रद्धालु काफी संख्या में आते हैं। बाबा की फांसी लगाने को लेकर आश्रम में विभिन्न प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं, पूरे इलाके में इसी पर चर्चा कर रहे हैं।
सूरत के बहुचराजी मंदिर के महंत ने भी की आत्महत्या
सूरत (Surat) के कतारगाम के वेड रोड इलाके में बहुचराजी मंदिर के महंत शंभू महाराज (Shambhu Maharaj) ने भी शुक्रवार को आत्महत्या कर ली थी। वे पिछले 25 वर्षो से मंदिर में सेवा व पूजा करते थे। महंत की आत्महत्या की खबर सुन भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई।
बता दें की शंभू महाराज वेडरोड के श्री नानी बहुचराजी मंदिर में सेवा पूजा करते थे। जांच में सामने आया है कि शंभू महाराज ने नवरात्रि से कुछ रोज पहले ही माता जी की प्रार्थना करते हुए वहीं परिसर में ही आत्महत्या की ली। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। इस घटना से भक्तों में शोक की लहर है।
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