Mahashivratri 2023: भोलेनाथ से धन व ऐश्वर्य के लिए इन वस्तुओं से करें अभिषेक; जानें क्यों चढ़ाते हैं भांग
Maha Shivratri 2023 शनिवार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भक्त दूध दही घी शहद चीनी से भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं। भगवान का अभिषेक जिस वस्तु से किया जाता है वह भक्त को एक अलग तरह का पुण्य फल देती है।
By Babita KashyapEdited By: Babita KashyapUpdated: Thu, 16 Feb 2023 04:46 PM (IST)
जबलपुर, जेएनएन। शनिवार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, इसके लिए भक्तों ने तैयारी शुरू कर दी है। जिसमें आठ पहर तक भगवान आशुतोष का अभिषेक किया जाएगा। भगवान के अभिषेक में जिस वस्तु का प्रयोग किया जाता है, वह भक्त को एक अलग तरह का पुण्य फल देती है। जिसमें विशेष रूप से दूध, दही, घी, शहद, चीनी का प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इनका महत्व।
दूध
दूध को धर्म की दृष्टि से सात्विक माना जाता है और इसका मन पर प्रभाव पड़ता है। इसमें भी गाय के दूध को सबसे पवित्र और अच्छा माना गया है। शिव के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष उपयोग है। शिवलिंग पर दूध से रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सोमवार के दिन दूध का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है पानी में थोड़ा सा दूध मिलाकर नहाने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिंताएं कम होती हैं।
दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। क्या आप जानते हैं इसके पीछे की वजह? इसका उत्तर विष्णु पुराण और भागवत पुराण, समुद्र मंथन की कहानी में वर्णित है। पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शिव ने संसार को बचाने के लिए विष पी लिया तो उनका पूरा कंठ नीला पड़ गया। इस विष का प्रभाव भगवान शिव और उनके बालों में बैठी देवी गंगा पर भी पड़ने लगा। ऐसे में सभी देवताओं ने शिव से दूध ग्रहण करने का अनुरोध किया। शिव ने जैसे ही दूध का सेवन किया, उनके शरीर में विष का प्रभाव कम होने लगा। हालांकि, उनका गला हमेशा के लिए नीला हो गया और उन्हें एक नया नाम मिला, नीलकंठ। तभी से शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
दही
ऐसा माना जाता है कि दही से अभिषेक करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। दही से रुद्राभिषेक करने से भवन और वाहन की भी प्राप्ति होती है।घीघी से अभिषेक करने से भी धन और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।चीनीदूध में चीनी मिलाकर अभिषेक करने से व्यक्ति विद्वान बनता है।शहद
शहद से अभिषेक करने से धन की वृद्धि होती है। साथ ही शहद से अभिषेक करने से पुराने रोग भी नष्ट हो जाते हैं।इत्रअगर आप दांपत्य जीवन से खुश नहीं हैं तो भगवान शिव का इत्र से अभिषेक करें। ऐसा करने से आपके पति के साथ आपके रिश्ते मधुर होंगे।गन्ने का रस शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करने से अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
सरसों का तेलयदि आप शत्रुओं से परेशान हैं तो शिवलिंग पर सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होगा।बेल पत्रबेल पत्र चढ़ाने से भोले बाबा प्रसन्न होते हैं। बेल के पत्तों को संस्कृत में 'बिल्वपत्र' कहा जाता है। यह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। मान्यता है कि बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मन शांत रहता है। पूजा में इनका उपयोग करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं।
जानें क्यों चढ़ायी जाती हैं भांगज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे के अनुसार, हलाहल विष का सेवन करने के बाद शिव का शरीर नीला पड़ गया और जलने लगा, लेकिन फिर भी शिव पूरी तरह से शांत थे लेकिन देवताओं और अश्विनी कुमारों ने भगवान शिव की तपस्या को शांत करने और जहर के प्रभाव को कम करने के लिए भगवान शिव को जल अर्पित किया, विजया (भांग का पौधा), बेलपत्र और धतूरा को दूध के साथ मिलाकर भगवान शिव को दवा के रूप में अर्पित किया गया। तब से लोग भगवान शिव को भांग भी चढ़ाने लगे। भोलेनाथ का भिन्न-भिन्न वस्तुओं से अभिषेक करने से उसका पुण्य फल प्राप्त होता है। पूजा में इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ज्योतिषी पंडित प्रवीण मोहन शर्मा के अनुसार स्त्रोक्त विधि से की जाने वाली पूजा से भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अभिषेक के समय भोले की प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं।डिसक्लेमर: 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह सूचना विभिन्न माध्यमों से सूचना/ज्योतिषियों/पंचांगों/प्रवचनों/धार्मिक विश्वासों/ग्रंथों से संकलित कर आपको भेजी गई है। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे केवल जानकारी के रूप में लें। इसके अलावा, किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी उपयोगकर्ता या स्वयं पाठक की होती है।'
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