Meritorious Student Scheme: छात्रों का सपना साकार कर रही शिवराज सरकार, इस योजना के तहत भर रही कॉलेज की फीस
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर बेटा-बेटियों की आगे की पढ़ाई का खर्च वहन करती है। जिसके चलते मेडिकल इंजीनियरिंग और विधि विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं की फीस मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत भरी जाती है। इसके अलावा अन्य पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों की फीस का वहन भी शिवराज सिंह चौहान सरकार करेगी।
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में एक योजना ऐसी है जिसमें सरकार 12वीं के बाद की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का खर्च वहन करती है। इस योजना मध्य प्रदेश वासी 'मेधावी विद्यार्थी योजना' (Meritorious Student Scheme) के नाम से जानते हैं।
भांजे-भांजियों को प्रोत्साहित कर रही शिवराज सरकार
शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chouhan) प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर बेटा-बेटियों की आगे की पढ़ाई का खर्च वहन करती है। जिसके चलते मेडिकल, इंजीनियरिंग और विधि विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं की फीस मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत भरी जाती है।
इसके अतिरिक्त अन्य पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले मेधावी विद्यार्थियों की फीस का वहन भी शिवराज सरकार करेगी।
इंजीनियरिंग कॉलेज
- जेईई मेन्स की परीक्षा में 50 हजार तक रैंक लाने वाले विद्यार्थी किसी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो उनकी पूरी प्रदेश सरकार वहन करेगी।
- निजी कॉलेजों में दाखिला लेने पर सरकार के जरिए विद्यार्थियों को डेढ़ लाख रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है।
मेडिकल कालेज
- नीट (NEET) परीक्षा में अव्वल अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की फीस का सरकार भुगतान करेगी। ऐसे में विद्यार्थी केंद्र, राज्य के सरकारी कॉलेजों और प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने पर सरकार ही खर्च वहन करेगी।
विधि विश्वविद्यालय
- क्लैट (CLAT) परीक्षा के माध्यम से देशभर में राष्ट्रीय लॉ कॉलेज में बारहवीं के बाद दाखिला लेने पर राज्य सरकार पूरी फीस देगी।
कौन-कौन ले सकेंगे योजना का लाभ
- विद्यार्थी को मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए
- छात्र-छात्राओं के परिजनों की वार्षिक आय छह लाख से कम होने पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा।
- माध्यमिक शिक्षा मंडल के जरिए आयोजित 12वीं की परीक्षा में विद्यार्थी 75 फीसद या उससे अधिक नंबर हासिल किया हो।
- सीबीएसई/आईसीएसई बोर्ड के 12वीं के विद्यार्थी के कम से कम 85 फीसद या उससे अधिक अंक हो।