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Bhopal: मंत्रीजी के बेटे से ठेका दिलाने के नाम पर साइबर ठगी, वाट्सएप पर भेजा QR कोड और फिर...

Cyber ​​fraud मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट से डरने की आवश्यकता नहीं है। किसी भी तरह के साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें। उन्होंने दो दिन पहले भोपाल में अरेरा कालोनी निवासी एक विवेक ओबराय को पुलिस द्वारा लाइव रेड कर डिजिटल अरेस्ट से बचाने की देश की पहली घटना बताया। ओबराय से बात भी की।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Tue, 12 Nov 2024 09:14 PM (IST)
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मंत्रीजी के बेटे से साइबर ठगी (File Photo)
जेएनएन, भोपाल। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर के बेटे आकाश गौर से महिंद्रा कंपनी में लेबर सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर साइबर ठगी हुई है। ठग ने टेंडर भरने की फीस के रूप में आकाश और उनके दोस्तों से 3.20 लाख रुपये की मांग की थी। उसने वाट्सएप पर क्यूआर कोड भेजकर ठगी की राशि एक कियोस्क संचालक के बैंक खाते में डलवाई और उसे दो प्रतिशत का कमीशन देकर कैश में रुपये ले गया।

मुख्य आरोपित अब भी फरार

आकाश ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम के नेशनल पोर्टल पर की थी, जिसके बाद भोपाल साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कियोस्क संचालक के बैंक खाते को फ्रीज किया था। परंतु आरोपित कियोस्क संचालक ने साइबर क्राइम डीएसपी की फर्जी मेल आईडी बनाकर बैंक खाते को अनफ्रीज करने का प्रयास किया। बैंक ने संदेह होने पर पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद भोपाल साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपित कियोस्क संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं आकाश गौर से ठगी करने वाला मुख्य आरोपित अब भी फरार है।

साइबर डेस्क स्थापित करने के निर्देश

डिजिटल अरेस्ट सहित साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार सुबह भोपाल में भदभदा स्थित साइबर मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस को विस्तृत कार्ययोजना बनाने के लिए कहा। प्रत्येक थाने में शीघ्र साइबर डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

नए सिरे से प्रस्ताव भेजा जाएगा

यह प्रस्ताव दो वर्ष से पुलिस मुख्यालय में ही लंबित है। इसके अतिरिक्त हर जिले में हाईटेक साइबर थाना बनाने के लिए भी उन्होंने कहा है। यह प्रस्ताव भी लगभग एक वर्ष से लंबित है। अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर थानों के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजा जाएगा। उम्मीद है मुख्यमंत्री के इस दौरे के बाद थानों में साइबर सेल की स्थापना इसी वर्ष हो जाएगी। वित्त विभाग से बजट भी आसानी से मिलने के आसार हैं।

एमपी में बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को भी अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। डॉ. मोहन यादव ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि वर्ष 2019 में लगभग चार हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि वर्ष 2024 में अब तक लगभग पांच लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 24 हजार पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया।

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