Khandwa News: जहन्नुम का डर दिखा फहीम खान बनाए गए अक्षय ने की घर वापसी
Khandwa News जहन्नुम के डर से इस्लाम धर्म अपनाकर मोहम्मद फहीम खान बने हिंदू युवक अक्षय गौर ने घर वापसी कर ली है। उसने इस्लाम अपनाने के लिए उकसाने वाले मुस्लिम युवक आलिम की पुलिस से शिकायत की है।
खंडवा, जेएनएन। Khandwa News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जहन्नुम के डर से इस्लाम धर्म अपनाकर मोहम्मद फहीम खान बने हिंदू युवक अक्षय गौर ने घर वापसी कर ली है। पिता गोविंद गौर के साथ वीरवार को उसने इस्लाम अपनाने के लिए उकसाने वाले मुस्लिम युवक आलिम की पुलिस से शिकायत भी की है। नगर पुलिस अधीक्षक पूनमचंद यादव ने कहा कि अक्षय की शिकायत पर मामले को जांच में लिया गया है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए कुबूल किया इस्लाम
पुलिस को प्रभुपुरम कालोनी निवासी अक्षय ने जो बताया, उसके मुताबिक पांच माह पहले वह घर से परेशान होकर नागचून तालाब गया था। वहां उसे छीपा कालोनी का आलिम मिला। उसने उससे परेशानी पूछी। इसके बाद इस्लाम के बारे में बताने लगा। उसने कहा कि इस्लाम में आ जाओ, नमाज पढ़ने लग जाओ, सुकून मिलेगा। छीपा कालोनी में स्थित नूरानी मस्जिद के अंदर ही ऊपर एक कमरा है। वहां आलिम उसे लेकर बैठता था और दोजख की आग से डराता था। उसकी बातों में आकर उसने नमाज पढ़नी शुरू कर दी। कलमा पढ़ा। इस्लाम कुबूल किया।
मंदिर में पूजा-पाठ कर शुद्धीकरण किया
बाद में वह घर पर भी नमाज पढ़ने लगा और माता-पिता व रिश्तेदारों को इस्लाम अपनाने के लिए कहने लगा। उसने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपना नाम मोहम्मद फहीम खान लिखा तो महादेवगढ़ से उसके दोस्त और हिंदूवादी संगठन के आशोक पालीवाल और अन्य कार्यकर्ता आए और उसकी काउंसलिंग की। उन्होंने मंदिर में पूजा-पाठ कर उसका शुद्धीकरण किया। अब वह ठीक है।
कार्रवाई की मांग
विदिशा के गंजबासौदा में उदयपुर नीलकंठेश्वर मंदिर के मेन द्वार को गूगल मैप पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने तुगलक शाही मस्जिद दर्शा दिया। अब विश्व हिंदू परिषद सहित अन्य हिंदू संगठन कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। विहिप के सदस्यों ने बुधवार को एसडीएम रोशन राय के नाम तहसीलदार कमल मंडेलिया को एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने मांग की कि गूगल मैप पर मंदिर के मेन द्वार पर जो तुगलक शाही मस्जिद अंकित किया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए व उक्त कृत्य करने वाले अज्ञात व्यक्ति की जांच कराकर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उदयपुर के ग्रामवासियों ने बताया कि 11वीं सदी में बना ग्राम उदयपुर का नीलकंठेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पुरातत्व विभाग के पास है।