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Gwalior News: मेस में विषाक्त भोजन खाने से LNIPE के 250 से अधिक छात्र बीमार, फूड प्वाइजनिंग बनी वजह

Food Poisoning In Gwalior मध्य प्रदेश के ग्वालियर से फूड प्वाइजनिंग की बड़ी खबर सामने आ रही है। यह घटना ग्वालियर के एलएनआइपीई (लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान) में दूषित भोजन करने के कारण 250 से अधिक छात्र बीमार हो गए। बताया जा रहा है कि दो अक्टूबर को मैस में चिकन और पनीर बनाया गया था जिसको खाने के बाद ये सभी बच्चे बीमार हो गए।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 04 Oct 2023 12:39 PM (IST)
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लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान के मेस में खाने से कई छत्र हुए बीमार (फोटो-नई दुनिया)
जागरण डेस्क, ग्वालियर। Food Poisoning in Gwalior: देश के अलग-अलग जगहों से आए दिन छात्रों द्वारा मेस का खाना खाकर बीमार पड़ने कि शिकायत आती रहती है। ऐसी ही एक खबर देश के प्रतिष्ठित खेल संस्थानों में शुमार ग्वालियर के एलएनआइपीई (लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण संस्थान) में दूषित भोजन खाने कि वजह से सामने आ रही है। 

LNIPE में मंगलवार को ढाई सौ से अधिक छात्र-छात्राएं फूड प्वाइजनिंग की वजह से बीमार पड़ गए। सभी बीमार छात्रों को संस्थान प्रबंधन ने पहले तो एलएनआइपी के अंदर ही उपचार देने का प्रयास किया गया, लेकिन जब छात्रों की हालत नियंत्रण से बाहर हुई तो आनन-फानन में रात करीब नौ बजे जयारोग्य अस्पताल के नवीन भवन में भर्ती करना पड़ा। देर रात तक करीब सवा सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को भर्ती कराया गया था। इस मामले में बुधवार सुबह एसडीएम अन्य अधिकारियों के साथ जांच करने मेस पहुंचे।

खाना खाने के बाद सभी छात्रों ने उल्टी, दस्त और ठंड के साथ बुखार की शिकायत की थी। डाक्टरों ने सभी छात्रों का तत्काल उपचार किया। कुछ छात्रों को ड्रिप चढ़ाने से कंपकपी छूट रही थी, तब उनकी ड्रिप बंद कर उपचार दिया गया।

मेस में चिकन और पनीर खाने से कई छात्र हुए बीमार 

बीमार छात्र-छात्राओं का कहना है कि दो अक्टूबर को मेस में चिकन और पनीर बनाया गया था। यह भोजन सभी विद्यार्थियों को शाम के वक्त खाने में दिया गया। खाना खाने के बाद काफी सारे छात्रों को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत हुई, लेकिन रात में किसी ने इसकी शिकायत नहीं की। सुबह होते होते मामला गंभीर हो गया। एलएनआइपीई हास्टल में रहकर पढ़ने वाले करीब सभी विद्यार्थी बीमार हो गए। पहले इन्हें संस्थान के अंदर ही डा. वीरेन्द्र परमार ने उपचार दिया। शाम तक विद्यार्थियों की जब हालत और अधिक खराब होने लगी, तब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद यह मामला सामने आया।

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