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MP Cabinet: आज दिल्ली आएंगे CM Mohan, सोमवार को शपथ; लोकसभा के हिसाब से बनेगी मोहन कैबिनेट

MP Politics कैबिनेट का आकार छोटा रखे जाने पर सहमति बनी है। दरअसल मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा संभावित है। इसे देखते हुए पार्टी जमावट में जुट गई है। पार्टी ने 2019 में प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में से 28 पर विजय प्राप्त की थी। केवल छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र ऐसा है जहां कांग्रेस से नकुल नाथ सांसद हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Sat, 16 Dec 2023 11:22 PM (IST)
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लोकसभा के हिसाब से बनेगी मोहन कैबिनेट

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। डॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायद तेज हो गई है। अलग-अलग स्तर पर मंथन कर यादव कैबिनेट में मंत्रियों के चयन का फार्मूला तैयार कर लिया गया है। पार्टी ने दो लाइन स्पष्ट कर दी है। पहली- मंत्रिमंडल में सभी संसदीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व रहेगा। दूसरी- तीन बार रहे मंत्रियों को यादव कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाएगा।

कैबिनेट में कोई कोटा सिस्टम भी नहीं होगा। इसको लेकर तैयारी कर ली गई है। अब इस आधार पर तैयार सूची पर हाईकमान से चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद रविवार को दिल्ली जा सकते हैं। यदि हाईकमान के साथ सहमति बन गई तो सोमवार या अगले सप्ताह में किसी भी दिन नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। शपथ लेने वाले मंत्रियों की संख्या फिलहाल कम होगी। संभवत: 15 से 18 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से हो रही जमावट

भाजपा सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव तक कैबिनेट का आकार छोटा रखे जाने पर सहमति बनी है। दरअसल, मार्च में लोकसभा चुनाव की घोषणा संभावित है। इसे देखते हुए पार्टी जमावट में जुट गई है। पार्टी ने 2019 में प्रदेश के 29 संसदीय क्षेत्रों में से 28 पर विजय प्राप्त की थी। केवल छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र ऐसा है, जहां कांग्रेस से नकुल नाथ सांसद हैं। पार्टी कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए लंबे समय से प्रयासरत है।

विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को यहां सफलता नहीं मिली। जिले की सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार है। वहीं, दस लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें भाजपा को विधानसभा चुनाव 2023 में पराजय मिली है, यानी भाजपा इन क्षेत्रों में चार या अधिक विधानसभा क्षेत्रों में पराजित हुई है। इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, टीकमगढ़, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रतलाम, धार और खरगोन संसदीय सीट शामिल हैं।

ये हैं तीन बार मंत्री रह चुके विधायक

जयंत मलैया- दमोह से विधायक बने जयंत मलैया, उमा भारती सरकार के बाद मंत्री बनाए गए थे और 2018 तक मंत्री रहे। गोपाल भार्गव- वर्ष 2003 से 2018 तक मंत्री रहे। 2019-2020 तक नेता प्रतिपक्ष रहे, अभी विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष हैं। विजय शाह- 2003 में मंत्री बने। बीच का अल्प समय छोड़कर 2023 तक मंत्री रहे। नारायण सिंह कुशवाह- जातीय आधार पर तीन बार मंत्री रहे। पिछला चुनाव हारने के बाद पुन: जीतकर आए हैं। अंतर सिंह आर्य- आदिवासी नेता हैं। 2003 से 2018 तक लगातार मंत्री रहे।

अर्चना चिटनीस- 2003 से 2005 तक मंत्री रहीं। 2008-2013 में मंत्री रहीं। फिर 2016- 18 के बीच मंत्री रहीं। कार्यकाल नौ वर्ष से कम मिला। \Bदो बार मंत्री बने\B करण सिंह वर्मा- 2003 में मंत्री बने। 2013 का एक चुनाव हारे। दस वर्ष मंत्री रहे । भूपेंद्र सिंह- 2013 से 2018 और 2020 से 2023 तक मंत्री रहे। बृजेंद्र प्रताप सिंह- 2008-2013 से 2020 से 2023 तक मंत्री रहे। मीना सिंह- 2003- 2008 और 2020 से 2023 तक मंत्री रहीं। नागेंद्र सिंह नागौद- दो बार 10 वर्ष तक मंत्री रहे।

एक अनार-सौ बीमार

नई सरकार में कई दावेदार होने से चयन में पार्टी नए चेहरे लाने पर भी विचार कर रही है। जैसे आदिवासी वर्ग में निर्मला भूरिया को कैबिनेट में एक बार स्थान मिला इसलिए विजय शाह और मीना सिंह की जगह भूरिया के नाम पर विचार चल रहा है। सामान्य वर्ग में अर्चना चिटनीस को भी कार्यकाल कम मिलने के कारण एक बार फिर मौका दिए जाने पर विचार चल रहा है।

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