MP Election 2023: भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनावी तैयारी शुरू, राज्यों में बदलाव से करेगी परहेज
MP Election 2023 भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आगामी चुनाव को लेकर मंथन किया गया। भाजपा शासित राज्यों के बारे में तय किया गया कि वहां हिंदुत्व के साथ पार्टी केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा आगे कर चुनाव लड़ेगी।
By Babli KumariEdited By: Babli KumariUpdated: Wed, 18 Jan 2023 10:07 AM (IST)
भोपाल, जागरण डिजिटल डेस्क। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कर्नाटक सहित जिन चार राज्यों में विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं, ऐसे भाजपा शासित राज्यों के बारे में तय किया गया कि वहां हिंदुत्व के साथ पार्टी केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा आगे कर चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रारंभिक तौर पर यहां किसी तरह के बदलाव से परहेज करेगी।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि प्रादेशिक नेतृत्व मिल जुलकर चुनावी तैयारी करें और केंद्रीय नेतृत्व उनकी मदद करेगा। मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ सहित जिन राज्यों में वर्ष के अंत में चुनाव होना है, उनके बारे में इस बैठक में कोई विचार नहीं हो पाया।
प्रदेश में मंत्रियों के चार पद हैं खाली
पार्टी नेताओं के मुताबिक मध्य प्रदेश संगठन से जो रिपोर्ट मंगाई गई थी, उस पर भी बैठक में चर्चा नहीं हो पाई। इधर यह भी बताया गया कि मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है। फिलहाल मंत्रियों के चार पद रिक्त हैं। कुछ मंत्रियों को बदला भी जा सकता है।सीएम शिवराज ने बुलाई मंत्रियों की बैठक
वहीं एक फरवरी से प्रारंभ होने वाली विकास यात्रा की कार्य योजना पर चर्चा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को सभी मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विधायकों से भी अलग-अलग बात करेंगे। शाम को वे और लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव जबलपुर में 26 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री विकास कार्यों को लेकर विधायकों से ले रहे फीडबैक
मुख्यमंत्री विकास कार्यों को लेकर विधायकों से फीडबैक ले रहे हैं। वे दो बार विधायकों से एक-एक कर चर्चा चुके हैं। जो विधायक बाकी रह गए हैं, उनसे बुधवार को मंत्रियों के साथ बैठक के बाद चर्चा होगी। इसमें उनके निर्वाचन क्षेत्र में कराए जाने वाले कामों की प्राथमिकता पूछी जाएगी।दरअसल, सरकार ने विधायकों से 15 करोड़ रुपये तक के निर्वाचन क्षेत्र में कराए जाने वाले कामों के प्रस्ताव मांगे थे। अधिकतर विधायकों ने अपनी प्राथमिकताएं बता दी हैं, जिन्हें अब अंतिम रूप दिया जाना है।
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