Move to Jagran APP

मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षिकाओं से हो रहा भेदभाव, नियमित टीचर्स की तरह नहीं मिलता मातृत्व अवकाश

MP Guest teachers maternity leave मध्य प्रदेश के स्कूलों में गेस्ट टीचर्स के साथ भेदभाव होता दिख रहा है क्योंकि उन्हें मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है। भोपाल के नागदा संकुल स्थित रंगाराखेड़ी स्कूल में अंग्रेजी की अतिथि शिक्षिका अंशिता परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग से नियमित शिक्षिकाओं की तरह मातृत्व अवकाश मांगा है लेकिन शिक्षा विभाग ने इससे इन्कार कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Tue, 12 Nov 2024 06:00 AM (IST)
Hero Image
MP Guest teachers maternity leave एमपी के सरकारी स्कूलों में टीचर्स से भेदभाव।
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार स्कूलों की शिक्षिकाओं से भेदभाव देखने को मिल रहा है। यहां की गेस्ट टीचर्स को गेस्ट ही माना जा रहा है। दरअसल, यहां स्कूलों में गेस्ट टीचर्स को मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है।

शिक्षा विभाग ने देने से किया इनकार

राजधानी भोपाल के नागदा संकुल स्थित रंगाराखेड़ी स्कूल में अंग्रेजी की अतिथि शिक्षिका अंशिता परमार ने स्कूल शिक्षा विभाग से नियमित शिक्षिकाओं की तरह मातृत्व अवकाश मांगा है, लेकिन शिक्षा विभाग ने इससे इन्कार कर दिया है।

अंशिता अकेली नहीं हैं, प्रदेश में ऐसी कई अतिथि शिक्षिकाएं हैं, जो मातृत्व अवकाश मांग रही हैं, पर किसी के आवेदन पर कोई निर्णय नहीं हो रहा है। संचालक, लोक शिक्षण केके द्विवेदी का कहना है कि अतिथि शिक्षकों के सेवा नियमों में मातृत्व अवकाश का प्रविधान नहीं है और इसे लेकर कोई प्रस्ताव भी नहीं है।

नियमित शिक्षिकाओं को 180 दिनों का अवकाश दिया जाता 

बता दें कि प्रदेश में नियमित शिक्षिकाओं को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाता है। अतिथि शिक्षक संघ की ओर से इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को मांग पत्र दिए गए हैं। कहा गया है कि नियिमत शिक्षिकाओं की तरह अतिथि शिक्षिकाएं भी महिला हैं, उन्हें भी मातृत्व अवकाश की आवश्यकता पड़ती है।

संगठन के अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार का कहना है कि मातृत्व अवकाश न मिलने पर अतिथि शिक्षिकाओं को कई बार नौकरी तक छोड़नी पड़ती है। वह बताते हैं कि यह प्रस्ताव भी दिया गया है कि अतिथि शिक्षिकाओं को अवैतनिक मातृत्व अवकाश ही दे दिया जाए, पर इस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।