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MP Madarsa: मध्य प्रदेश के मदरसों में हजारों हिंदू बच्चों को दी जा रही इस्लाम की तालीम, मुख्य सचिव तलब

मध्य प्रदेश के मदरसों में 9417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं जिन्हें उर्दू के साथ इस्लाम की तालीम दी जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मदरसों को प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। मदरसों में न सुरक्षा के इंतजाम हैं न ही एनसीईआरटी की शिक्षा व्यवस्था ही लागू है। यह पर्दाफाश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने किया है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sat, 15 Jun 2024 12:05 AM (IST)
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मध्य प्रदेश के मदरसों में 9417 हिंदू बच्चों को दी जा रही इस्लाम की तालीम। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के मदरसों में 9417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं, जिन्हें उर्दू के साथ इस्लाम की तालीम दी जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन मदरसों को प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। मदरसों में न सुरक्षा के इंतजाम हैं, न ही एनसीईआरटी की शिक्षा व्यवस्था ही लागू है।

यह पर्दाफाश राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने किया है। शुक्रवार को भोपाल में मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, लेकिन इस ओर स्कूल शिक्षा विभाग का कोई ध्यान नहीं है।

मदरसों का सर्वे और मैपिंग कराने की मांग कर चुके

उन्होंने प्रदेश सरकार से हिंदू बच्चों को तत्काल मदरसों से बाहर निकालकर स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग करते हुए कहा कि हम पहले भी मदरसों का सर्वे और मैपिंग कराने की मांग कर चुके हैं। इसमें यह भी देखा जाना चाहिए कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षक निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी करते हैं या नहीं।

मुख्य सचिव को तलब किया

कानूनगो ने शुक्रवार को प्रदेश में बाल संरक्षण की स्थिति जानने के लिए 12 विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी की। इस दौरान वक्फ बोर्ड ने जानकारी दी कि प्रदेश में चार यतीम खाने संचालित हैं, लेकिन यह किशोर न्याय अधिनियम के तहत शासन में पंजीकृत नहीं हैं। ऐसे सभी मुद्दों को लेकर आयोग ने 18 जून को मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट के साथ तलब किया है।

आयोग ने डिंडौरी-दमोह के मिशनरी आश्रमों की जानकारी मांगी

आयोग ने प्रदेश के डिंडौरी व दमोह में सरकारी मदद से चल रहे मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी मांगी है। मध्य प्रदेश में ऐसे 56 आश्रम व 30 स्कूल संचालित हैं। कानूनगो ने बताया कि मध्य प्रदेश में लगभग एक हजार बच्चे एचआईवी पीड़ित हैं। पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 2221 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन प्रदेश में ऐसे मामले अधिक हैं। इनकी हम जांच करेंगे। आयोग ने पुलिस मुख्यालय से ऐसे बच्चों का डेटा और दर्ज प्रकरणों की जानकारी मांगी है।

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