MP News: दोस्तों के साथ गप्पे मार रहा था युवक, तभी आ गया हार्ट अटैक; सीपीआर देने पर भी चली गई जान
एक युवक अपने दोस्तों के साथ एक दुकान पर बैठा गप्पे मार रहा था तभी उसे हार्ट अटैक आ गया और देखते ही देखते उसकी जान चली गई। घटना सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मामला युवक 20 अक्टूबर का है जब एक युवक को सिरमौर चौराहा स्थित एक दुकान में दोस्तों के साथ बैठा था। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जेएनएन, रीवा। कहते हैं कि मौत कभी कहकर नहीं आती, ये सच हुआ है मध्य प्रदेश के रीवा में। यहां एक युवक अपने दोस्तों के साथ एक दुकान पर बैठा गप्पे मार रहा था तभी उसे हार्ट अटैक आ गया और देखते ही देखते उसकी जान चली गई। घटना सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मामला युवक 20 अक्टूबर का है जब एक युवक को सिरमौर चौराहा स्थित एक दुकान में दोस्तों के साथ बैठा था। इस दौरान वह अचानक सिर नीचे कर औंधे मुंह गिर गया। उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अचानक प्रकाश की सीने में तेज दर्द हुआ
मामला 20 अक्टूबर का है, जिसका वीडियो अब इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। बजरंग नगर निवासी प्रकाश सिंह बघेल (31) सिरमौर चौराहा स्थित एक दुकान में अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक कर रहा था। इसी दौरान अचानक प्रकाश की सीने में तेज दर्द हुआ। वह जमीन पर गिर पड़ा। उसके दोस्त घबरा गए। उन्होंने उसको उठाकर आवाज दी, लेकिन वह जवाब नहीं दे पाया।दोस्तों के साथ प्रकाश एक दुकान के अंदर बातचीत कर रहा था। वीडियो में दिख रहा है कि प्रकाश सहित वहां पर पांच लोग मौजूद हैं। अचानक से प्रकाश के सीने में दर्द उठता है और वह नीचे गिर गया। यह देख दोस्तों ने उसको संभाला। उसके बाद सीपीआर देने की कोशिश की, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
डॉक्टरों ने उसकी जांच कर मृत घोषित कर दिया
घबराए दोस्त प्रकाश को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच कर मृत घोषित कर दिया। परिजनों को मामले का पता चलने पर बुराहाल है। उनको विश्वास नहीं हो रहा कि घर से ठीक-ठाक निकला प्रकाश उनके बीच नहीं है।14 वर्ष की सजा काटने के बाद महिला निर्दोष साबित
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने देवर की हत्या में सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास से दंडित महिला के साथ उसकी भाभी को तब निर्दोष माना है, जब वह 14 वर्ष की सजा काट चुकी है। कोर्ट ने महिला को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया, साथ ही उसकी भाभी को भी दो मासूम बच्चों के साथ जेल में साढ़े तीन माह रहने को अनुचित करार किया। कोर्ट ने पुलिस जांच की ¨नदा करते हुए पुलिस कर्मियों और 11 गवाहों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की एकलपीठ ने कहा कि पुलिस की मनमानी कार्रवाई अपराध से कम नहीं है।खंडवा जिले की सरजूबाई और उसकी भाभी भूरी बाई को वर्ष 2010 में सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया था। सरजूबाई के देवर हरी उर्फ भग्गू का शव 21 सितंबर 2008 को नीम के पेड़ पर फंदे से लटकता पाया गया था।पुलिस ने सरजू और भूरी को आरोपित बनाया और दर्शाया कि सरजू के बरामदे में कीटनाशक दवा की खाली बोतल पाई गई। दवा खिलाकर पहले हरी की हत्या की गई, फिर उसे फांसी पर लटका दिया गया। सत्र न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सरजूबाई और भूरी बाई ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने कहा कि गांव में जो लोग खेती करते है, उनके घर पर कीटनाशक दवाएं होती हैं। पुलिस पूरी जांच में अभियोजन पक्ष के गवाहों के आधार पर विवेचना करती रही।
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