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MP News: मध्य प्रदेश के पर्यावरण मंत्री से ठगी की कोशिश, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के नाम पर मांगे 5 लाख रुपये

मध्य प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत से अज्ञात शख्स ने ऑनलाइन ठगी करने की कोशिश की। आरोपित ने उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री का सहायक बनकर कॉल किया और पांच लाख रुपये मांगे। शक होने पर मंत्री रावत ने पुलिस में शिकायत की। क्राइम ब्रांच पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर छानबीन शुरू की। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 27 Jul 2024 02:15 PM (IST)
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मध्य प्रदेश के पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ठगी का शिकार होते-होते बच गए।

जागरण न्यूज नेटवर्क, भोपाल। कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर वन मंत्री बने रामनिवास रावत ठगी का शिकार होते-होते बच गए। उनसे भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के नाम पर पैसे मांगे गए। जिसके बाद वन मंत्री रावत ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। मंत्री के शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

मंत्री से आरोपी ने मांगे 5 लाख रुपये

पुलिस के मुताबिक, मध्य प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत से एक अज्ञात शख्स ने फोन कॉल कर के ऑनलाइन ठगी करने की कोशिश की। आरोपी शख्स ने उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय संगठन महामंत्री का सहायक बनकर कॉल किया और पांच लाख रुपये की मांग की। लेकिन रावत को उसपर शक हो चुका था। जिसके बाद उनकी शिकायत पर पुलिस ने फोन कॉल करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ग्वालियर का रहने वाला है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, एफआईआर में मंत्री रावत ने बताया कि 19 जुलाई को उनके पास अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आया था। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डी. संतोष का निजी सचिव बताया और पांच लाख रुपयों की मांग की। कॉल करने वाले व्यक्ति ने रावत की किसी अन्य शख्स से भी बात कराई।

गलत नाम बताने पर मंत्री को हुआ शक

रावत को उनकी बात पर शक हुआ, क्योंकि राष्ट्रीय संगठन मंत्री का नाम डी. संतोष नहीं, बल्कि बीएल संतोष है। लिहाजा, उस वक्त उन्होंने उसे टाल दिया। इसके बाद उन्होंने अपने स्तर पर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री की ओर से ऐसा कोई कॉल नहीं किया गया है। इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की।

उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर कर मामले की जांच शुरू कर दी। जब पुलिस ने आरोपी का मोबाइल नंबर ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन ग्वालियर में मिली। भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार को रात को ग्वालियर रवाना हुई और रात में स्थानीय पुलिस के सहयोग से उसे हिरासत में लेकर भोपाल आ गई है।