MP News: इंजीनियरिंग कालेज के स्टूडेंट्स ने बनाया छोटा उपकरण, बताएगा- डिप्रेस व्यक्ति की सुसाइडल टेंडेंसी
MP News- उपकरण को काउंसलिंग के दौरान पेन की तरह टेबल पर रखा जाएगा जिससे व्यक्ति को इसकी मौजूदगी महसूस नहीं होगी और वह सहज रूप से सारी बातें साझा करता चला जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Mon, 31 Oct 2022 10:11 PM (IST)
भिलाई, जेएनएन। Madhya Pradesh News: आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए भिलाई के रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज की कंप्यूटर साइंस विभाग फैकल्टी ने एक ऐसा उपकरण बनाया है जो व्यक्ति के हावभाव का अध्ययन कर पहले ही इसकी सूचना दे देगा। डॉ अजय कुशवाहा, डा. शाजिया इस्लाम, प्रो. मीनू चौधरी, प्रो. तृप्ति शर्मा, प्रो. निलाभ साव और अनीशा सोनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग कर जो उपकरण तैयार किया है।
वह अवसाद का स्तर, चेहरे की भाव भंगिमा, बोलने के तरीके आदि का अध्ययन कर आत्महत्या करने की प्रवृत्ति का पता लगाएगा। पेन के आकार के इस उपकरण का नाम है, सुसाइड टेंडेंसी डिटेक्टिंग स्कैनर। इसे भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से पेटेंट मिल गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस उपकरण का स्कूल, कालेज, अस्पताल, पुलिस, औद्योगिक और सामान्य आफिस में उपयोग करके अवसादग्रस्त लोगों की जान बचाई जा सकती है।
इस तरह से काम करेगा उपकरण
इस उपकरण में करोड़ों हावभाव और व्यवहार फीड हैं, जिसे स्कैनर मैच करेगा। उपकरण में लगा सुपर कैमरा चेहरे को स्कैन करने के साथ ही बातों के दौरान आने वाले उतार चढ़ाव व बदलावों का पता लगाएगा। उपकरण को काउंसलिंग के दौरान पेन की तरह टेबल पर रखा जाएगा, जिससे व्यक्ति को इसकी मौजूदगी महसूस नहीं होगी और वह सहज रूप से सारी बातें साझा करता चला जाएगा। काउंसलर के सवाल पूछने के दौरान ही जवाबों का एनालिसिस भी यह करता रहेगा। यह आत्महत्या की प्रवृत्ति का ग्राफ बनाएगा, जिसके आधार पर उसे आगे डाक्टर या थैरेपी के लिए भेजा जा सकेगा।
इंटरनेट मीडिया पोस्ट भी स्कैन
उपकरण इंटरनेट मीडिया पोस्ट या हाथ से लिखे गए पत्र को पढ़कर भी व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति बताएगा। पोस्ट में व्यक्ति ने कितने निगेटिव और कितने पाजिटिव शब्द लिखे यह भी एक क्लिक में पता चल जाएगा।
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