MP News: मैहर मंदिर की पहाड़ी के पीछे मिले 3 नर कंकाल से मचा हड़कंप, पूजा-पाठ में लीन रहते थे तीनों; ये है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के मैहर जिले में मंदिर की पहाड़ी के पीछे रविवार को तीन नर कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है। तीनों नर कंकाल पांच महीने पूराने बताए जा रहे है। जांच के बाद पता चला है कि तीनों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या की थी। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और जांच शुरू कर दी है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, मैहर। मध्य प्रदेश के मैहर मंदिर के पहाड़ी के पीछे रविवार को 3 नर कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया है। तीनों नर कंकाल पांच महीने पुराने है। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और जांच शुरू कर दी है। जांच में पता चला है कि तीनों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या की थी। कंकालों पर मिले कपड़े और एक पर्स ने पुलिस को परिजनों का पता चला जिसके बाद इस मामले का पुरा खुलासा हुआ।
घटनास्थल में मिले पूजा-पाठ की सामाग्री
पुलिस को जांच के दौरान बहुत सारे पूजा-पाठ की सामग्री मिली है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह मामला एक अंधविश्वास और तंत्र साधना से जुड़ा हुआ है। हालांकि, पुलिस की टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है। जांच के दौरान पुलिस को सीधी जिले के रामगढ़ की रहने वाली 56 साल की छुटकी और उसके 28 साल के बेटे दीपक साकेत और 30 साल के राजकुमार साकेत का नर कंकाल मिला। तीनों ने पेड़ से फंदा लगातार आत्महत्या की थी।
रामगढ़ में रहता है परिजन
पुलिस जांच पड़ताल के बाद मृतकों के घर रामगढ़ पहुंची, जहां उन्हें छुटकी का पति शेषमणि साकेत मिला। उसने बताया कि करीब पांच माह पहले तीनों मैहर गए थे। तीनों वह 10 या 20 दिनों के रूकते थे और उसके बाद घर लौट आते थे। इस बार वह 30 जनवरी को घर से गए और वापस लौटे ही नहीं।शेषमणि ने बताया कि छुटकी और दोनों बेटे को ढूंढ़ने के लिए साले और दामाद को तीन बार मैहर भेजा था। लेकिन, उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। छुटकी के पति को लगा कि तीनों कहीं शांत जगह पर बैठकर माता का ध्यान कर रहे होंगे और इसलिए मैहर और सीधी के किसी भी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्द नहीं कराई।
कई वर्षों से करते थे मां शारदा की पूजा
शेषमणि ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य घर में मां शरदा की पूजा कई सालों से कर रहे हैं। छुटकी और राजकुमार को मां शारदा की सवारी आती थी। यह घर में पूजा करते समय समस्या का समाधान करते रहे। यह सिलसिला पिछले 12 बर्ष से चलता आ रहा है।शेषमणि ने कहा 'मैं शुरुआत के तीन साल तक दोनों बच्चों और पत्नी के साथ मैहर जाता था। उस समय करीब दस दिन तक वहां रहकर सभी वहां पूजा करते थे। हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना होगी। पांच महीनों से यही सोच रहे थे कि वे भक्ति में लीन होंगे। हर रोज सुबह सोचता था कि आज शायद वे लौट आएंगे। मगर, अब उनके कंकाल मिलने के बाद ये आस भी टूट गई है।'
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