MP News: भोपाल में दो कोरोना संक्रमित मिले, होम आईशोलेशन में चल रहा उपचार; अब शहर में एक्टिव केस तीन
मध्य प्रदेश के भोपाल में कोरोना के दो मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। । स्वास्थ्य विभाग ने दोनों की रिपोर्ट आने के बाद होम आइसोलेट करा दिया है। दोनों के स्वास्थ्य पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर बनाएं हुए हैं। संक्रमितों में एक कि उम्र 23 और दूसरे की उम्र 58 वर्ष है। भोपाल में तीन सक्रिय कोरोना के संक्रमित हैं।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 24 Dec 2023 05:00 AM (IST)
जेएनएन, भोपाल। राज्य की राजधानी में शनिवार को दो कोरोना संक्रमित मिले हैं,इसमें दोनों यात्रा दूसरे राज्य से कर भोपाल लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों की रिपोर्ट आने के बाद होम आइसोलेट करा दिया है। दोनों के स्वास्थ्य पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नजर बनाएं हुए हैं। संक्रमितों में एक कि उम्र 23 और दूसरे की उम्र 58 वर्ष है। इससे पहले इंदौर-जबलपुर में कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं।
भोपाल में तीन सक्रिय कोरोना के संक्रमित
सीएमएचओ डा.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि भोपाल में तीन सक्रिय कोरोना के संक्रमित हैं। किसी के भी अभी तक कोई गंभीर लक्षण नहीं है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। इधर कोरोना ने दस्तक देते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। शनिवार को भोपाल में 15 संदिग्धों के सैंपल जेपी अस्पताल से जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं अन्य अलग-अलग स्थानों से 11 सैंपल लिए गए हैं। भोपाल में शनिवार को कुल 26 लोगों की सैंपलिंग हुई।
सीएमएचओ बताते हैं कि पॉजीटिव आने पर मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जेपी अस्पताल के सीएस डा.राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने कोविड संक्रमितों के लिए 16 बेड का अलग वार्ड तैयार कराया है। ऐसे ही हमीदिया अस्पताल में अलग से 15 बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। इधर, इंदौर में मिले एक संक्रमित की रिपोर्ट भी शुक्रवार को निगेटिव हो गई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। वहीं अभी प्रदेश में अब भी कोरोना के दो सक्रिय मामले हैं।
घबराने की जरूरत नहीं
भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कोविड का नया सब वैरिएंट सार्स काव-2 जेएन-1 खतरनाक नहीं है। इस सब वैरिएंट से पाजिटिव हुए रोगियों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। घर पर ही आइसोलेशन में रहते हुए सामान्य उपचार से इसके रोगी ठीक हो रहे हैं। इससे घबराने या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
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अभी भोपाल में यह व्यवस्था
भोपाल जिले में 15 हजार से अधिक हास्पिटल बेड उपलब्ध है । अस्पतालों में साढ़े तीन हजार से ज्यादा आक्सीजन सपोर्ट बेड उपलब्ध है। इसके साथ ही दो हजार से अधिक आईसीयू बेड, 750 वेंटीलेटर बेड क्रियाशील हैं। जिले में 4 हजार से अधिक चिकित्सक, साढ़े छह हजार से ज़्यादा नर्सिंग आफिसर, 2 हजार पैरामेडिकल कर्मचारी, 150 एंबुलेंस उपलब्ध है। 21 हजार लीटर से अधिक क्षमता के 30 आक्सीजन प्लांट क्रियाशील है । एक हजार से अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर एवं 5 हजार से अधिक आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भोपाल जिले में है। सभी आवश्यक दवाइयां, मास्क,पीपीई किट भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। हालांकि यह शहर की पूरी मेडिकल व्यवस्था है, जरुरत के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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