MP News: जिसका बेटा समझ कर दिया अतिंम संस्कार, वह निकला जिंदा; ऐसे हो गई थी गलतफहमी
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिले के लहचोड़ा गांव के निवासी सुरेंद्र शर्मा की एक्सिडेंट में मौत हो गई थी जिसका शव स्वजन सवाईमाधोपुर से लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जब स्वजन बारहवें की रस्म निभा रहे थे तभी सुरेंद्र रविवार को घर वापस लौट आया जिस देखकर घर वाले और स्वजन हैरान रह गए।
जेएनएन, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिले के लहचोड़ा गांव के निवासी सुरेंद्र शर्मा की एक्सिडेंट में मौत हो गई थी, जिसका शव स्वजन सवाईमाधोपुर से लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जब स्वजन बारहवें की रस्म निभा रहे थे, तभी सुरेंद्र रविवार को घर वापस लौट आया जिस देखकर घर वाले और स्वजन हैरान रह गए। मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और बेटे को जिंदा देखकर खुशी के आंसू रोक नहीं पाई।
जयपुर मजदूरी करता था सुरेंद्र
बता दें कि, लहचौड़ा निवासी सुरेंद्र शर्मा बाहर जयपुर मजदूरी करता था। पिछले दिनों सवाई माधोपुर के सरवाड़ गांव के थाने से फोन आया कि सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्वजन शव की शिनाख्त करने के लिए एसएमएस अस्पताल पीएम हाउस पहुंचे, स्वजन ने मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में की। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव उनको सौंप दिया।
स्वजन शव को गांव लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घर में पिछले 12 दिनों से गमगीन माहौल बना हुआ था। बैठने आने के लिए रिश्तेदरों का का आना-जाना लगा रहा था।
वीडियो कॉल पर देखा तो सुरेंद्र ही था
शनिवार की शाम अचानक सुरेंद्र शर्मा के नंबर से उसके भाई के मोबाइल पर फोन आया तो उसने चौंककर जब बात की तो बोला मैं सुरेंद्र बोल रहा हूं। इस घरवालों को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने वीडियो कॉल पर देखा तो वह सुरेंद्र ही था, लेकिन फिर भी घरवालों को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने से सुबह गांव आने के लिए कहा।
सुरेंद्र रात की वाली बस से ही जयपुर से गांव के लिए निकल आया और सुबह गांव पहुंच गया। जब घरवालों ने उसे आंखों के सामने जिंदा देखा तो वह हैरान रह गए । सबकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुरेंद्र की मौत से जिस घर में दुख माहौल बना हुआ था व पलभर में खुशी में बदल गया। सुरेंद्र के जिंदा होने की खबर मिलते ही उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई।
चाचा बताई पूरी बात
सुरेंद्र के चाचा धर्मराज शर्मा ने बताया कि जिसका शव हम लेकर आए थे उसकी शक्ल हुबहू सुरेंद्र से मिल रही थी, इसलिए हमें लगा शव सुरेंद्र का ही है। इसलिए उसे बेटा, भाई मानकर अंतिम संस्कार किया। गुजरात के पंडितों द्वारा उसका क्रियाक्रम किया गया। अंतिम संस्कार के बाद सभी रस्म की। 12वें दिन बारहवें की रसोई थी, जिसकी सभी तैयारी कर ली थी। बारहवें में शामिल होने के लिए मेहमान आ गए थे।
स्वजन ने इसलिए समझा सुरेंद्र का शव
चाचा धर्मराज का कहना है कि सुरेंद्र काफी दिनों से जयपुर में कंपनी में काम करता था, जब उसके एक्सीडेंट की खबर सुनी तो उसके मोबाइल पर फोन लगाया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। शव लेने के लिए जब एसएमएस अस्पताल जयपुर पहुंचे तो जिसका शव रखा था उसकी शक्ल सुरेंद्र मिल रही थी इसलिए शव का लेकर आ गए।