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MP: भोपाल में 'ईदगाह' में नमाज अदा करने के लिए उमड़े लोग, सीएम मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

ईद-उल-फितर के मौके पर भोपाल में ईदगाहों पर बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। इस अवसर पर पूरे मध्य प्रदेश में उत्सव और उत्सव का माहौल देखा गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी ईद-उल-फितर के शुभ अवसर पर राज्य के सभी मुसलमानों को शुभकामनाएं दीं। CM यादव ने X पर लिखा कि देश एवं प्रदेश के सभी मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Thu, 11 Apr 2024 03:02 PM (IST)
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सीएम मोहन यादव ने दी ईद की शुभकामनाएं (Image: ANI)
एएनएआई, भोपाल। आज देश भर में ईद का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर पूरे मध्य प्रदेश में उत्साह का माहौल देखा गया। भोपाल में बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। इसी तरह, ग्वालियर जिले के फूल बाग इलाके में स्थित 100 साल से अधिक पुरानी मोती मस्जिद पर भी लोगों की भारी भीड़ ने नमाज अदा की और एक-दूसरे को बधाई दी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी ईद-उल-फितर के शुभ अवसर पर राज्य के सभी मुसलमानों को शुभकामनाएं दीं।सीएम यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया 'देश एवं प्रदेश के सभी मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।'

ग्वालियर की मोती मस्जिद 100 साल पुरानी

ग्वालियर की मोती मस्जिद के अध्यक्ष मोसिन रहमान ने बताया कि ईद उल फितर के मौके पर दो हजार से ज्यादा मुसलमानों ने यहां नमाज अदा की, एक-दूसरे को गले लगाया और शुभकामनाएं दीं।

बता दें कि ग्वालियर की मोती मस्जिद 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है और इसमें सिंधिया परिवार का भरपूर सहयोग रहा है। यह विरासत ही है कि आज यहां सभी धर्मों की मिसालें देखने को मिलती हैं। चारों ओर मस्जिद, मंदिर और गुरुद्वारे बने हुए हैं।

ईद का चांद क्यों है महत्वपूर्ण?

जानकारी के लिए बता दें कि ईद-उल-फितर इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 10वें महीने 'शव्वाल' के पहले दिन मनाया जाता है। चांद दिखने के कारण इस त्योहार का बहुत महत्व है, जो लंबे समय से इस्लामी संस्कृति का हिस्सा रहा है। आज सभी ने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है। 

इस उत्सव में रमजान महीने के खत्म होने और ईद मनाने के लिए चांद का दीदार करना जरूरी होता है, इसलिए इसे अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर महीने भर चलने वाले रमजान के उपवास और 'शव्वाल' की शुरुआत का प्रतीक है, जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार दसवां महीना है।

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