Shivpuri News: करैरा नगर परिषद ने नर्सरी में फेंके गोवंश, कई शव बने कंकाल... सांस लेना हुआ दूभर
करैरा के नगरीय क्षेत्र से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित वन विभाग की जुझाई नर्सरी में करैरा नगर परिषद ने गौवंश के शवों को ढेर लगा दिया और यहां पर पिछले करीब छह महीने से लगातार मृत गोवंश के शव लाकर फेंके जा रहे हैं। शवों के सड़ने से यहां इतनी बुरी स्थिति हो गई है कि खड़े होकर सांस लेना भी दूभर हो रहा है।
जागरण संवाददाता, शिवपुरी/करैरा। Cows Dead Bodies: करैरा के नगरीय क्षेत्र से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित वन विभाग की जुझाई नर्सरी में करैरा नगर परिषद ने गौवंश के शवों को ढेर लगा दिया। यहां पर पिछले करीब छह महीने से लगातार मृत गोवंश के शव लाकर फेंके जा रहे हैं। शवों के सड़ने से यहां इतनी बुरी स्थिति हो गई है कि खड़े होकर सांस लेना भी दूभर है।
वहीं कई शव तो पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो गए हैं। यहां अभी भी एक सैकड़ा से अधिक शव और कंकाल पड़े हुए हैं। वन विभाग ने नगर परिषद पर यहां गोवंश के शव फेंकने का आरोप लगाया है। वहीं नगर परिषद के जिम्मेदारों का कहना है कि सभी शवों को उठाकर नियमानुसार गड्ढा खोदकर दफन कर दिया जाएगा।
ये पहुंचे मौके पर
जानकारी के अनुसार बीट गार्ड से सूचना मिलने पर रविवार की सुबह वन विभाग और पशु चिकित्सा विभाग की टीम जुझाई नर्सरी में महमूद बीट आरफ क्रमांक 460 पर पहुंचे। सब रेंज अधिकारी शिमला मसराम के साथ पशु चिकित्सालय दिनारा में पदस्थ डॉ. अरविंद जाटव भी मौजूद थे।
यहां उन्होंने देखा तो बड़ी संख्या में गोवंश के शव मिले। कुछ कंकाल बन गए थे जिससे यह स्पष्ट हुआ कि शव तीन से छह महीने तक पुराने भी हैं। सब रेंज अधिकारी के अनुसार यह शव नगर परिषद द्वारा फेंके गए हैं। शवों के आसपास बड़ी मात्रा में कचरा और पॉलीथिनें भी पड़ी हुई हैं।
वरिष्ठ स्तर पर रिपोर्ट सौंपने की कही
निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट वरिष्ठ स्तर पर सौंपने की बात कही है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पीएम कर जांच रिपोर्ट बनाई जाएगी जिससे मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल अधिकांश गोवंश की मौत का प्राथमिक कारण पालीथिन का सेवन नजर आ रहा है।
सर्दियों में हुई अधिक मौतें, इसलिए लग गया ढ़ेर
स्थानीय लोगों की मानें तो यह जगह नगर के वार्ड क्रमांक 15 से महज एक किमी की दूरी पर स्थित है। हर दिन करैरा में बीमारी या अन्य कारणों से दो से तीन गोवंश की मौत होती ही है। इनके शव यहीं पर डंप कर दिए जाते हैं।
ठंड के मौसम में गोवंश की अधिक मौत हुई हैं जिसके कारण यहां पर शवों का ढेर लग गया है। यहां किसी दूसरी जगह से शव फेंके जाने की भी आशंका नगण्य है क्योंकि क्षेत्र करैरा के ही नजदीक है। यहां से हाइवे भी थोड़ी दूरी पर स्थित है।
शिमला के डिप्टी रेंजर ने ये कहा
शिमला के डिप्टी रेंजर ने बताया कि बीट गार्ड से यहां पर मृत गाय पड़ी होने की सूचना मिली थी जिसके बाद जांच के लिए यहां आए हैं। नगर पालिका द्वारा मृत गायों को फेंका गया है। गोवंश मृत मिलने की जानकारी मिली थी। यहां छह महीने तक के शव पाए गए हैं जिसमें कुछ कंकाल भी हैं। हमें यहां 40 शव मिले हैं। मौत के कारणों को लेकर पीएम रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे।
पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद जाटव ने कहा कि गोवंश हमारे द्वारा नहीं फेंके गए हैं। जहां भी शव पड़े हैं उन्हें हम जेसीबी की मदद से लाएंगे और गढ्डा खोदकर नियमानुसार दफन करेंगे।