Move to Jagran APP

MP: डिंडौरी के करंजिया जिले में हाथियों और बाघ की दशहत, बंद कराने पड़े स्कूल और हाट बाजार

MP elephants Terror डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड के गांवों में हाथियों और बाघ की दहशत जिला प्रशासन भी सहम गया है। हाथी के दल ने अब ग्राम चकरार के किसानों के खेत की खड़ी फसल को खाकर चौपट करने के साथ शेष खड़ी फसलों को रौंद दिया। वहीं बाघिन की सतत मौजूदगी से ग्रामीण भय में हैं और सर्दी में भी रात जागरण कर रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 25 Nov 2024 03:27 AM (IST)
Hero Image
MP elephants Terror डिंडौरी में हाथी और बाघ मचा रहे तांडव।
जेएनएन, डिंदौरी। MP elephants Terror मप्र के डिंडौरी जिले के करंजिया विकासखंड के गांवों में हाथियों और बाघ की दहशत जिला प्रशासन भी सहम गया है। कलेक्टर हर्ष सिंह ने ब्लाक शिक्षाधिकारी और बीआरसी के प्रतिवेदन पर हाथी और बाघों की दहशत से प्रभावित करीब एक दर्जन गांवों में 25 से 29 नवंबर तक का अवकाश घोषित करने की सहमति प्रदान की है।

डा. संतोष शुक्ला सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग ने रविवार देर शाम यह आदेश जारी किया। इसके अलावा इन ग्राम पंचायतों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों को भी बंद कराने की मुनादी कराई गई है।

हाथियों का उत्पात एक सप्ताह से जारी

ग्राम पंचायत पंडरी पानी व ढाढ़पथरा के गांवों अम्हादादर, झिरिया बहरा, इमली टोला व चकरार में हाथियों का उत्पात एक सप्ताह से जारी है। हाथी के दल ने अब ग्राम चकरार के किसानों के खेत की खड़ी फसल को खाकर चौपट करने के साथ शेष खड़ी फसलों को रौंद दिया। वहीं बाघिन की सतत मौजूदगी से ग्रामीण भय में हैं और सर्दी में भी रात जागरण कर रहे हैं। 

कड़कड़ाती ठंड से दोगुनी मार

वर्तमान में जिन क्षेत्रों में हाथियों के दल ने आतंक मचा रखा है वहां के ग्रामीणों चैन सुकून छिन गया हैं। वनांचल के लोगों की मानें तो वे दिन किसी तरह से तो गुजार लेते हैं लेकिन रात होते ही उनके घरों पर हाथियों के हमले का डर सताने लगता हैं। ऐसे में अपनी जान की सलामती के लिए कच्चे मकानों को यूं ही भगवान भरोसे छोड़ मकानों की छतों पर कड़कड़ाती ठंड में तंबू तान रात काटने मजबूर हैं। शुक्रवार की रात में पंडरी पानी, कांदाटोला, केंद्रा बहरा व ठाढ़पथरा के लोगों ने हमले की आशंका से जहां छत में बैठकर जागरण किया वहीं कुछ युवाओं ने अपने घरों की निगरानी के लिए रतजगा किया। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल दिन भर जंगल के आसपास रुका रहता हैं, लेकिन शाम होते ही आबादी में घुस रहें हैं ऐसे स्थिति में ग्रामीण बहुत भयभीत हैं।

बाजारों में कराई गई मुनादी

हाथी और बाघिन के आतंक का वनांचल क्षेत्र ग्रामीणों के मन में फिलहाल डर बैठा हुआ है। फलस्वरूप अब लोग रात की बजाए दिन में भी सुरक्षा की दृष्टि से सूनसान इलाकों में जाने से बच रहें हैं। ग्रामीणों का मानना हैं कि जब तक इन वन्य प्राणियों का यहां से गमन नहीं हो जाता तब तक इस क्षेत्र में इनके हमले की आशंका बरकरार है। ऐसी स्थिति में वे किसी भी सूरत में जान जोखिम में डालकर कोई काम नहीं करना चाहते।

इसी क्रम में रविवार को ग्राम पंडरी पानी के साप्ताहिक बाजार में पंचायत द्वारा खतरे को भांपते हुए दुकानदार व ग्राहकों को सतर्क और जागरूक करने के उद्देश्य से कोटवार के माध्यम से मुनादी कराकर सचेत किया गया। पंचायत सचिव दिलीप कुमार मरावी ने बताया कि दो सप्ताह से लगातार इसी प्रकार मुनादी कराई जा रही हैं।

रविवार को एक बार फिर मुनादी के बाद जहां सूर्यास्त के पहले दुकानदारों व बाजार करने आए लोग बाजार बंद कर घर की ओर चले गए। रविवार का साप्ताहिक बाजार आम दिनों की अपेक्षा समय से पहले दिन डूबने के पूर्व ही बंद हो गया।

मटके का पानी पी गई बाघिन

बाघिन ने दो दिन पूर्व शिकार करने के बाद पुनः शनिवार की रात आबादी के अंदर पहुंचकर गौशाला में बंधे पशुओं का शिकार करने का प्रयास किया। इस दरमियान बाघिन ने मटके में रखे पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाई है। ग्रामीणों ने बताया कि वह सभी पास के मकान की छत पर वह सुरक्षित होने के लिहाज से बैठ रहे।

रात्रि में ज बाघिन ने गौशाला के नजदीक पहुंचकर पशुओं को ले जाने के चक्कर में झपट्टा मारी तो आहट और पशुओं द्वारा चिल्लाने की आवाज आने लगी। तब हमारे द्वारा टार्च के रोशनी और हल्ला मचाया गया। तब बाघिन वहां से हटकर अरहर के खेत में रात भर डेरा जमाएं रहीं और सुबह उजाला होने के पूर्व जंगल में चली गई।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।