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MP News: कूनो के चीतों की नहीं होगी शिफ्टिंग, अफ्रीकी देशों से आने वाले चीते सीधे पहुंचेंगे गांधीसागर सेंचुरी

कूनो नेशनल पार्क से चीतों को शिफ्ट किए जाने को लेकर केंद्रीय व राज्य के वनमंत्रियों के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव साफ कर चुके हैं कि कूनो से चीते कहीं नहीं भेजे जाएंगे। हालांकि प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह का बयान सामने आया है कि कुछ चीते जल्द शिफ्ट किए जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 06 Aug 2023 10:27 PM (IST)
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MP News: कूनो के चीतों की नहीं होगी शिफ्टिंग, अफ्रीकी देशों से आने वाले सीधे पहुंचेंगे गांधीसागर सेंचुरी (फाइल फोटो)

मनोज तिवारी, भोपाल। कूनो नेशनल पार्क से चीतों को शिफ्ट किए जाने को लेकर केंद्रीय व राज्य के वनमंत्रियों के विरोधाभासी बयान सामने आए हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव साफ कर चुके हैं कि कूनो से चीते कहीं नहीं भेजे जाएंगे। हालांकि, प्रदेश के वनमंत्री विजय शाह का बयान सामने आया है कि कुछ चीते जल्द शिफ्ट किए जाएंगे।

इन बयानों के बीच अब प्रदेश के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक असीम श्रीवास्तव ने स्थिति साफ कर दी है। उनका कहना है कि कूनो से चीतों को कहीं और नहीं भेजा जाएगा। नए चीतों के लिए गांधीसागर अभयारण्य तैयार किया जा रहा है।

अफ्रीकी देशों से अभी और आएंगे चीते

श्रीवास्तव कहते हैं कि अफ्रीकी देशों से अभी और चीते लाए जाने हैं। अब जो नए चीते आएंगे, उन्हें सीधे गांधीसागर अभयारण्य में ही उतारे जाने की संभावना है। इन चीतों के लिए अभयारण्य दिसंबर माह के अंत तक तैयार हो जाएगा। वे कहते हैं कि खुले जंगल में छोड़े गए चीतों में से एक को छोड़कर सभी पकड़ लिए गए हैं। कॉलर आइडी निकालकर उन्हें बाड़ों में रखा गया है।

उन्होंने आगे कहा कि वर्षाकाल के बाद इन्हें एक बार फिर तात्कालिक परिस्थितियों को देखकर खुले जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। कॉलर आइडी लगाएंगे या नहीं, यह पूछने पर श्रीवास्तव कहते हैं कि इसके बगैर तो चीतों को खुले जंगल में छोड़ पाना संभव नहीं है, क्योंकि तब उनकी निगरानी नहीं हो पाएगी।

सता रही निर्वा की चिंता, 18 दिनों से नहीं मिली लोकेशन

चीता प्रेमियों को अब मादा चीता निर्वा की चिंता सता रही है। निर्वा की गर्दन पर बंधी कॉलर आईडी खराब होने के कारण 18 दिनों से उसकी लोकेशन नहीं मिल सकी है। उसे अंतिम बार जिस स्थान पर देखा गया है, मैदानी वन कर्मचारियों की टोलियां उसे उसके आसपास के क्षेत्र में खोज रही हैं। छह दिन से निर्वा का कोई पता नहीं है।

टिकटोली व मोरावन क्षेत्र में दिखाई दी थी निर्वा

इससे पहले वह टिकटोली व मोरावन क्षेत्र में गश्ती दल को दिखाई भी दी तो उसे ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सका, क्योंकि ट्रैंकुलाइज करने में पांच से दस मिनट का समय लगता है और निर्वा उतना समय ही नहीं देती है। जैसे ही कर्मचारी आसपास पहुंचते हैं, वह भाग जाती है। हालांकि, वन अधिकारियों का कहना है कि निर्वा से आमना-सामना होने के दौरान दूर से ही यह देख लिया गया है कि उसकी गर्दन में कोई संक्रमण नहीं है।

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