Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के दिन 'अयोध्या धाम' में मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म, अयूब खान पठान अब कहलाएंगे राजकुमार
अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवार को मध्य प्रदेश में आलीराजपुर के कुम्हारवाड़ा निवासी 50 वर्षीय अयूब खान पठान ने अपनी पुत्री व बेटे के साथ सनातन धर्म अपना लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की संस्कृति परंपरा और रीति-रिवाज उन्हें हमेशा से ही आकर्षित करते रहे हैं।इसलिए भगवान राम की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के पुनीत दिन ही ऐसा करने का निर्णय किया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, आलीराजपुर। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवार को मध्य प्रदेश में आलीराजपुर के कुम्हारवाड़ा निवासी 50 वर्षीय अयूब खान पठान ने अपनी पुत्री व बेटे के साथ सनातन धर्म अपना लिया। महात्मा गांधी मार्ग पर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर बसाए गए अयोध्या धाम में विधिपूर्वक पूजन कर उन्होंने यह कदम उठाया।
राजकुमार के नाम से जाने जाएंगे अयूब खान पठान
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाज उन्हें हमेशा से ही आकर्षित करते रहे हैं। इसलिए भगवान राम की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के पुनीत दिन ही ऐसा करने का निर्णय किया है। अयूब खान पठान अब राजकुमार के नाम से जाने जाएंगे। उनके 22 वर्षीय पुत्र शाहरुख को नया नाम सुभाष दिया गया है। 18 वर्षीय पुत्री करिश्मा का नाम करिश्मा ही रखा गया है।
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दोनों ने भगवा दुपट्टा ओढ़ा सनातन में प्रवेश कराया।
इस अवसर पर उनकी बेटी करिश्मा मौजूद रहीं, जबकि खराब स्वास्थ्य के चलते सुभाष (शाहरुख) उपस्थित नहीं हो सके। सामाजिक कार्यकर्ता जयेश भट्ट व संजय मांझी ने पूजन विधि संपन्न कराई और दोनों को भगवा दुपट्टा ओढ़ा व पैर धुलाने के बाद सनातन में प्रवेश कराया।
अयूब ने हिंदू महिला शारदा से किया था निकाह
बता दें कि अयूब ने हिंदू महिला शारदा से निकाह किया था। निकाह के बाद भी शारदा सनातन धर्म का पालन करती रहीं। अयूब ने इसे लेकर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि वह हमेशा सनातन के प्रति लगाव ही दर्शाते रहे। यही वजह रही कि उन्होंने अपनी दो बड़ी बेटियों की शादी हिंदू परिवारों में ही की।यह भी पढ़ेंः Ram Mandir: गले मिलते ही यूं रो पड़ी उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा, राम मंदिर आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका
एक बेटी का विवाह राजस्थान व एक का गुजरात में किया है। पत्नी सनातनी रहीं, इसलिए परिवार में हिंदू परंपराओं का भी पालन होता रहा। राजकुमार ने बताया कि उन्होंने बिना किसी दबाव के पूरे विवेक से सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया है।
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