उज्जैन में बनकर तैयार हुआ महाकाल मंदिर का नया प्रांगण, इतिहास के साथ आधुनिक युग का गजब का संगम
उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के समीप नवनिर्मित महाकाल प्रांगण का काम पूरा हो चुका है। इसे कुछ इस तरह से बनाया गया है जहां इतिहास के साथ वर्तमान का मेलबंधन देखने को मिलेगा। पीएम मोदी 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 06 Oct 2022 03:07 PM (IST)
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्क। भगवान शिव (Lord Shiva) की जिन कथाओं का महाभारत, वेदों तथा स्कंद पुराण के अवंती खंड में उल्लेख है, वे कथाएं अब धर्मनगरी उज्जैन (Ujjain) में जीवंत हो उठेंगी। ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के समीप नवनिर्मित महाकाल प्रांगण में इन कथाओं को दर्शाती भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
यह इतिहास और वर्तमान का अद्भुत संगम हैं। इन्हें इतिहास से लिए गए धार्मिक प्रसंगों को कंप्यूटर जनित आधुनिक डिजाइन के जबरदस्त मेल से तैयार किया गया है।
एक ओर जहां संस्कृत के प्राचीन मंत्र उकेरे गए हैं, वहीं आधुनिकता का पर्याय बारकोड भी बनाया जा रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) इन प्रतिमाओं सहित समूचे महाकाल प्रांगण को 11 अक्टूबर को लोकार्पित करेंगे।
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श्रेष्ठता वही, बनावट नई
भारतीय शिल्पकला हजारों वर्षों से ऐसी श्रेष्ठ मूर्तियां बनाती आई है, जिन्हें देखकर दुनिया चकित होती रही है। महाकाल के नवनिर्मित प्रांगण में इसी श्रेष्ठता और गौरव को ध्यान में रखते हुए प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। ओडिशा (Odisha) के विशेषज्ञ कलाकारों द्वारा बनाई इन प्रतिमाओं में गुजरात (Gujarat) की फर्म ने आधुनिकता का पुट डाला है। पूरे नवनिर्मित प्रांगण में करीब 200 छोटी-बड़ी मूर्तियां हैं।अनूठी शैली, चित्ताकर्षक बनावट
प्रतिमाओं को पारंपरिक शैली के बजाय अनूठे और नए ढंग से बनाया गया है ताकि इनसे आधुनिक पीढ़ी भी जुड़ सके। इन्हें तैयार करने वाले कलाकारों ने पहले गहन शोध किया, फिर कंप्यूटर पर प्रतिमाएं डिजाइन कीं, उसके बाद पत्थर, सीमेंट, सिरेमिक आदि से इन्हें आकार दिया। इस तरह इनमें प्राचीनता व आधुनिकता का मिश्रण है।माला के 108 मनकों की तरह बने हैं 108 स्तंभ
सनातन धर्म में 108 अंक का बहुत महत्व है। उपासना में फेरी जाने वाली माला के मनके भी 108 होते हैं। इस कारण नवनिर्मित महाकाल प्रांगण में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन पर महादेव के परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। यह चित्र भी प्रतिमा के स्वरूप में बने हैं और इनमें शिव, शक्ति, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं का वर्णन है।मोबाइल से स्कैन करो, जानकारी पाओ
20.25 हेक्टेयर में बने व करीब 920 मीटर लंबे महाकाल प्रांगण की विशेषता होगी कि यहां किसी गाइड की आवश्यकता नहीं होगी। मूर्तियां स्वयं ही अपनी कहानी बताते हुए इतिहास की जानकारी देंगी। इसके लिए प्रत्येक प्रतिमा के सामने एक बारकोड होगा, जिसे मोबाइल से स्कैन करते ही हर छोटी-बड़ी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर उपलब्ध होगी। इससे नई पीढ़ी भी प्राचीन कथाओं को सहजता से समझ सकेगी।भाव ऐसे, जैसे अभी बोल पड़ेंगी
प्रतिमाएं बनाने का काम वर्ष 2019 से अब तक लगातार चला। इन्हें गुजरात की फर्म के माध्यम से ओडिशा के कलाकारों ने तैयार किया है। प्रतिमाओं के चेहरे और देह का गठन इतना सटीक है कि जैसे वे अभी बोल पड़ेंगी। मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर दोनों ओर नंदी की विराट प्रतिमाएं स्थापित हैं। जिस तरह भगवान शिव के मंदिर में प्रवेश करने पर नंदी के दर्शन होते हैं, उसी तरह यहां प्रांगण के प्रवेश द्वार पर नंदी स्थापित किए गए हैं।आंकड़ों में प्रांगण
- 200 प्रतिमाएं (छोटी-बड़ी) पूरे प्रांगण में बनाई गई हैं
- 2019 से ओडिशा व गुजरात के कलाकार तराश रहे प्रतिमाएं
- 920 मीटर है महाकाल प्रांगण की कुल लंबाई
- 20.25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है पूरा नवनिर्मित परिसर