MP News: भोपाल में बोरे में मिली नवजात की इलाज के दौरान मौत, 14 साल की किशोरी ने दिया था बच्ची को जन्म
भोपाल के ऐशबाग इलाके में बुधवार सुबह एक बोरे में मिली नवजात बच्ची को बचा लिया गया और अस्पताल भेज दिया गया लेकिन गुरुवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने बच्ची को सड़क पर पड़े एक बोरे में देखा और मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को अस्पताल पहुंचाया।
जेएनएन, भोपाल। नवरात्र में जिस कन्या का पांव पखारने और तरह-तरह के पकवान खिलाने के लिए हम उन्हें ढ़ूढते रहते हैं, आज उसी कन्या ने दम तोड़ दिया। ऐशबाग के बागउमराव दुल्हा इलाके में बुधवार सुबह बोरी में बंधी मिली नवजात बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई। बच्ची को उसके जन्म के ठीक एक घंटे बाद ही बोरे में बांधकर सड़क पर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद अविकसित गर्भ और ठंड लगने की वजह से उसने बुधवार रात को ही दम तोड़ दिया था।
दाई ने बोरे में बांधकर सड़क पर छोड़ दिया था
उधर, ऐशबाग थाना पुलिस ने नवजात को जन्म देने वाली 14 वर्षीय नाबालिग की मां, असुरक्षित प्रसव करवाने वाले डाक्टर तथा नवजात को सड़क पर छोड़ने वाली दाई को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने तीनों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। नाबालिग की मां और दाई को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है, जबकि डाक्टर से पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार, बुधवार को बागउमराव इलाके में सड़क पर एक बोरी में बंधी नवजात बच्ची को सड़क पर रख दिया गया था।
राहगीरों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी
राहगीरों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर पुलिस को सूचना दी थी। इसके बाद उसे देखरेख के लिए पहले इंदिरा गांधी अस्पताल भेजा गया, जहां से डॉक्टरों ने कमला नेहरू अस्पताल में रेफर किया, लेकिन उसी रात बच्ची की मौत हो गई। नवजात का पीएम कर उसका शव स्वजनों को सौंपा गया है।
150 सीसीटीवी से आरोपितों तक पहुंची पुलिस
नवजात को सड़क पर छोड़ने वाली दाई फिरदौस खान तक पुलिस 150 सीसीटीवी कैमरे के सहारे पहुंची। पुलिस ने फिरदौस की स्कूटी का नंबर ट्रैस कर उसकी लोकेशन पर पहुंचकर गिरफ्तार किया। इसके बाद फिरदौस ने नवजात को जन्म देने वाली नाबालिग, उसकी मां तथा डॉक्टर की पूरी कहानी सुनाई। पुलिस के अनुसार, 14 वर्षीय नाबालिग के एक किशोर से संबंध बने थे और वह सात माह की गर्भवती थी।
कुछ दिनों पहले इसकी जानकारी जब किशोरी की मां को हुई तो उसने डिलेवरी और फिर बच्ची को छोड़ने के लिए इकबाल नगर के रहने वाले डॉक्टर सुरेंद्र नाहर से संपर्क किया। उन्होंने बुधवार की सुबह ही किशोरी की डिलेवरी करवाई और फिर दाई फिरदौस को नवजात को सड़क पर छोड़ने का जिम्मा सौंपा था।