धूम्रपान निषेध दिवस: भारत में लाखों लोगों की मौत का कारण है तंबाकू से होने वाली बीमारियां
No Smoking Day हर वर्ष मार्च माह के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे के रूप में मनाया जाता है। नो स्मोकिंग डे को मनाने की शुरुआत वर्ष 1984 में हुई थी। दुनिया भर में लोगों को स्मोकिंग के प्रति अधिक जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 12:07 PM (IST)
जबलपुर, जेएनएन। कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। कोई सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उसे 200 रुपये जुर्माना का प्राविधान है। धूम्रपान निषेध दिवस के अंतर्गत मध्यप्रदेश में जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि नागरिकों को किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सार्वजनिक स्थलों को धूम्रपान मुक्त बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी है। लोग जागरुक होकर इस सामाजिक बुराई को दूर कर सकते हैं।
मालूम हो कि हर वर्ष मार्च माह के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे के रूप में मनाया जाता है। नो स्मोकिंग डे को मनाने की शुरुआत वर्ष 1984 में हुई थी। आज के दिन दुनिया भर में लोगों को स्मोकिंग के प्रति अधिक जागरूक करने का प्रयास किया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोग स्मोकिंग छोड़ें। चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि नो स्मोकिंग डे का उद्देश्य लोगों में धूम्रपान और तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है। धूम्रपान और तंबाकू का सेवन शरीर की प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है और कई घातक बीमारी जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों की बीमारी और कई प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकता है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इससे होने वाले दुष्प्रभाव को भी बताया । योजना के नोडल अधिकारी ने कहा कि भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू से होने वाली बीमारियां हैं। सरकार ने इसकी आपदा से लोगों को बचाने के लिए तंबाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 बनाया है। धारा 5 के अनुसार किसी भी तंबाकू उत्पाद का विज्ञापन या प्रायोजन, नाबालिगों द्वारा तंबाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फीट के दायरे में तंबाकू उत्पाद नहीं बेचे जा सकते। कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। कोई सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उसे 200 रुपये जुर्माना का प्राविधान है।।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में तमाम नर्सों को कोविड स्टाफ के रूप में मेडिकल में पदस्थ किया गया था। जिन्होंने ने स्टाफ नर्सों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के दौरान मेडिकल में उपचार की व्यवस्था संभाल रखी थीं। इसलिए उन्हें सेवा से बाहर न करते हुए संविदा आधार पर भर्ती की जाए। साथ ही रिक्त पदों को उन्हीं से भरा जाए। कोविड-19 में सेवाएं देने वाली नर्सों की मेडिकल में रिक्त पदों पर भर्ती की जाए। नर्सिंग आफीसर एसोसिएशन से जुड़ी नर्सों ने इस मांग को लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल के डीन को ज्ञापन सौंपा।
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