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Dog Bite: अब कुत्ते के काटने पर मालिक को हो सकती है जेल, पढ़िए क्या कहता है कानून

Dog Bite श्वान के काटने से कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं तो कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। सब ये जानते हैं कि श्वान जैसे पालतू जानवरों की रक्षा के लिए कई कानून कायदें है लेकिन अगर कोई पालतू श्वान किसी को काट लेता है तो उसके खिलाफ भी शिकायत करने का प्रावधान है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 31 Jan 2024 09:45 AM (IST)
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अब कुत्ते के काटने पर मालिक को हो सकती है जेल, पढ़िए क्या कहता है कानून

ऑनलाइन डेस्क, ग्वालियर। देश के हर हिस्से से आए दिन श्वान के काटने की खबरें सामने आती रहती हैं। श्वान के काटने से कई लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं तो कई बार व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।

सब ये जानते हैं कि श्वान जैसे पालतू जानवरों की रक्षा के लिए कई कानून कायदें है, लेकिन अगर कोई पालतू श्वान किसी को काट लेता है तो उसके खिलाफ भी शिकायत करने का प्रावधान है।

इस कानूनी अधिकार को समझाते हुए अधिवक्ता दीप्ति सोलंकी बताती हैं कि श्वान के काटने पर उसके मालिक के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है और अगर चोट गंभीर है तो मालिक को जेल भी जाना पड़ सकता है। आम तौर पर लोग ऐसे मामलों में कानून न जानने की स्थिति में शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं और कई बार आपसी विवाद भी हो जाते हैं ।

दीप्ति बताती हैं कि अगर कोई पालतू श्वान किसी को काट लेता है तो वह श्वान के मालिक के खिलाफ पुलिस थाने जाकर एफआईआर दर्ज करा सकता है।

कानून के मुताबिक, किसी भी पालतू जानवर से किसी को नुकसान पहुंचने पर उसके मालिक की ही जवाबदेही होती है। जैसे पालतू श्वान के काटने पर उसके मालिक के खिलाफ दर्ज एफआइआर हो सकती है। इसमें उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 289 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

क्या है आईपीसी की धारा 289?

आईपीसी की धारा 289 कहती है कि जो कोई व्यक्ति अपने पालतू जानवर से दूसरे व्यक्ति के जीवन को संकट में डालेगा या किसी भी तरह की क्षति पहुंचाएगा, तो ऐसे व्यक्ति के लापरवाह रवैये के लिए उसे 6 महीने की जेल हो सकती है, साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।

कहां और कैसे करें शिकायत?

अगर आपके घर के आस-पास भी कोई ऐसा बेसहारा श्वान है जो आक्रामक रहता हो या आते जाते लोगों को काट लेता है तो इसकी शिकायत आप एक आवेदन के साथ नगर निगम में दे सकते हैं। इस पर नगर निगम प्रबंधन संबंधित श्वान को पकड़ कर ले जाते हैं और उसकी नसबंदी कर देते हैं जिससे वह हमलावर नहीं होता है।

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