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Bhopal News: अब स्‍याही छपे कागज पर समोसा-कचौड़ी बेचने पर रोक, लिया जाएगा शपथ पत्र

भोपाल में ईट राइट चैलेंज-2 के तहत कलेक्टर अविनाश लवानिया ने स्‍याही छपे कागज पर समोसा कचौरी पोहा जलेबी समेत अन्य खाद्य सामग्री परोसने पर रोक लगा दी है। जहां भी स्याही से छपे कागज में खाना और नाश्ता दिया जाएगा वहां पहुंचकर टीम उसे रोकेगी शपथ पत्र भी लेगी।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2022 07:48 AM (IST)
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Bhopal News: स्याही से छपे कागज में खाने-पीने के व्यंजन देने पर पूरी तरह रोक
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। भोपाल में अब स्याही से छपे कागज में खाने-पीने के व्यंजन देने पर पूरी तरह रोक रहेगी। अब तक शहर में अखबारी कागज पर समोसा, कचौरी, पोहा, जलेबी समेत अन्य खाद्य सामग्री परोसे जा रहे थे। यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नुकसानदेह है।

'ईट राइट चैलेंज-2' के तहत कलेक्टर अविनाश लवानिया ने स्याही से छपे सभी प्रकार के कागज, पत्रिकाएं, किताबें आदि में भोजन, नाश्ता और अन्य खाद्य सामग्री देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मालूम हो कि ईट राइट चैलेंज-1 में भोपाल देश में दूसरे नंबर पर रहा। जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसके अंतर्गत लोगों को खाने-पीने के प्रति लोगों को सतर्क करने से संबंधित कई नवाचार किए थे।

नगर निगम के सहयोग से चलेगा अभियान

'ईट राइट चैलेंज-2' के तहत शहर में स्याही से छपे कागज में खाना देने को लेकर बोलो ना-ना नाम का अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगम कर्मचारियों के सहयोग से चलाया जाएगा।

शुरुआत में जहां भी ठेले, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों में स्याही से छपे कागज में खाना और नाश्ता दिया जाएगा, वहां पहुंचकर उसे टीम द्वारा रोका जाएगा। इसके साथ ही होटलों और खोमचों में उक्त अभियान से संबंधित पोस्टर व पैम्फलेट भी लगाए जाएंगे। साथ ही संचालक से शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह अब से स्याही छपे कागज में व्‍यंजन नहीं देगा।

स्‍याही वाला कागज कितना नुकसानदेह

होटल, ढाबे व अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को स्याही से छपे कागज की जगह पत्तों से बने दोनो, बिना स्याही वाले कागज, प्लेट आदि में भोजन और नाश्ता परोसने के लिए कहा जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि

स्याही वाले कागज शरीर के लिए कितना नुकसानदेह है इस भोजन खाने से हमारा स्‍वास्‍थ्‍य खराब हो सकता है। इसके अलावा उन्हें यह भी सलाह दी जाएगी कि वे इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए न करें।

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