MP News: नर्सिंग कॉलेजों को लेकर हुई सीबीआई की जांच, उच्च स्तरीय जांच समिति ने सौंपी रिपोर्ट
सीबीआइ ने 308 कालेजों मई 2024 के पहले की गई जांच में 73 को कमियों के साथ उपयुक्त बताया था। यानी वह कमियां दूर कर ले तो मान्यता दी जा सकती है। हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर कमियों के संबंध में कालेजों से रिपोर्ट मांगी। इस आधार पर कमेटी ने निष्कर्ष निकालने के बाद अपनी अनुशंसा तैयार की।
जेएनएन, भोपाल। नर्सिंग कालेजों की जांच में सीबीआई द्वारा कमियों के साथ उपयुक्त बताए गए कॉलेजों की मान्यता के संबंध में हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हाई कोर्ट के निर्देश पर कमेटी ने यह रिपोर्ट सौंपी है।
सीबीआइ ने 308 कालेजों मई 2024 के पहले की गई जांच में 73 को कमियों के साथ उपयुक्त बताया था। यानी वह कमियां दूर कर ले तो मान्यता दी जा सकती है। हाई कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने सीबीआई रिपोर्ट के आधार पर कमियों के संबंध में कालेजों से रिपोर्ट मांगी। इस आधार पर कमेटी ने निष्कर्ष निकालने के बाद अपनी अनुशंसा तैयार की। जिसमें कुछ कालेजों को कमियां पूरी करने के लिए समय देने का निर्णय लिया गया।
कुछ कालेजों ने खुद ही आगे मान्यता जारी नहीं रखने की बात कही
कुछ की मान्यता सतत रखने की अनुशंसा की गई तो कुछ कालेजों की मानता नहीं दिए जाने की सिफारिश की। इसके अनुसार 73 में से 25 से अधिक कालेज मान्यता की योग्य बताए गए हैं। इनमें सरकारी कालेज भी हैं। कुछ कालेजों ने खुद ही आगे मान्यता जारी नहीं रखने की बात कही है।बता दें कि हाई कोर्ट ने इसके लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई थी। इस समिति के अध्यक्ष हाई कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आरके श्रीवास्तव और सदस्य सेवानिवृत आइएएस अधिकारी आरएस जुलानिया और इंदिरा गांधी ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक के वाइस चांसलर प्रकाशमणि त्रिपाठी थे।
हाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर को इस कमेटी को निर्देशित किया था कि वह अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल को सौंप दे और काउंसिल इसे अपने पोर्टल पर अपलोड कर दे। समिति ने सात नवंबर को अपनी रिपोर्ट दी है जिसे काउंसिल ने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।
बता दें कि एक साल के अंतराल के बाद वर्ष 2024-25 के लिए मान्यता की प्रक्रिया हाई कोर्ट के निर्देश पर चल रही है। सीबीआइ द्वारा दी गई रिपोर्ट और कमी वाले कालेजों के संबंध में हाई कोर्ट की उच्च स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही कालेजों को मान्यता दी जानी है। पोर्टल में रिपोर्ट अपलोड होने के बाद अब कालेज मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
बता दें कि सीबीआइ ने अपनी दूसरी बार की जांच में प्रदेश के लगभग 650 से अधिक कालेजों में से 22 प्रतिशत को मापदंड के अनुसार बताया है, जबकि 200 से अधिक कालेजों में कमियां बताई हैं। नर्सिंग कालेजों की जांच में सीबीआइ अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद हाई कोर्ट ने दोबारा जांच कराई थी। हाई कोर्ट की कमेटी ने सीबीआइ की पहली जांच में कमी वाले 73 कालेजों पर रिपोर्ट तैयार की है।
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