अब मध्य प्रदेश में घर बैठे कराएं ऑनलाइन रजिस्ट्री, सीएम मोहन यादव ने किया संपदा 2.0 का शुभारंभ
पहले मध्य प्रदेश में दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे लेकिन परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित संपदा-2.0 पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया।
डिजिटल टीम, भोपाल। मध्य प्रदेश में संपत्ति का पंजीयन कराना अब आसान हो गया है। यहां पर सभी जिलों में संपत्ति के ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा शुरू हो गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नवीन तकनीक पर विकसित सॉफ्टवेयर संपदा 2.0 का शुभारंभ किया। इस सुविधा के आने से संपत्ति में होने वाले किसी भी तरह के फर्जीवाड़ा खत्म हो जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन अब कल्पवृक्ष की तरह आमजन की हर जरूरत पूरी कर रहा है। जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई- रजिस्ट्री जैसे नवाचार ने सभी का जीवन सरल और सुगम बनाया है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में नवीन तकनीक पर आधारित "संपदा-2.0" का नवाचार ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा। इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा।
मध्यप्रदेश सरकार का अभियान
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 10, 2024
संपत्ति संबंधी काम हो रहे आसान...
संपत्ति के क्रय-विक्रय की प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाने की दिशा में आज भोपाल में संपत्ति के ई-पंजीयन एवं ई-स्टेम्पिंग की नवीन तकनीक पर विकसित 'संपदा 2.0' पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल आदरणीय प्रधानमंत्री श्री… pic.twitter.com/tp71wMo6Ey
पहले प्रदेश में दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया।
आईटी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश कर रहा बहुत तरक्की
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 2 नए महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं। इसमें 120 शहरों के जीआईएस कार्य को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से आईटी विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने जा रहे हैं। इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है। आईटी में नवाचार के साथ मध्य प्रदेश सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी।संपत्ति से जुड़ी हर जानकारी देने में सक्षम
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने "संपदा-2.0" की खूबियां बताते हुए कहा कि "संपदा-2.0" उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश लगातार नवाचार कर रहा है। इस दिशा में प्रदेश में संपदा-2.0 की नई व्यवस्था प्रधानमंत्री मोदी की मंशानुरूप ईज ऑफ लिविंग को दृष्टिगत रखते हुए लागू की जा रही है। इससे पंजीयन की व्यवस्था सुगम, सरल ओर करप्शन-फ्री बनेगी। नागरिकों को ई-पंजीयन और ई-स्टाम्पिंग की नवीन प्रणाली का लाभ मिलेगा। लोग घर बैठे अपनी प्रापर्टी को बेच भी सकेंगे और रजिस्ट्री करा सकेंगे। इस प्रणाली से प्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के बाहर से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रियाँ करवाई जा सकेंगी। इससे आम व्यक्ति का समय भी बचेगा और अनावश्यक रूप से लगने वाले आरोपों से मुक्ति भी मिलेगी।
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