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कांग्रेस नेता कचरू साहू के शव का कब्र से निकालकर फिर होगा पोस्टमार्टम, लोहारडीह कांड में हाईकोर्ट ने दिया आदेश

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कवर्धा लोहारीडीह हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने पर शासन की ओर से गलती स्वीकार करने के बाद मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू उर्फ शिवप्रसाद के शव को कब्र खोदकर निकालने और डॉक्टरों की टीम से पुनपोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है।उल्लेखनीय है कि गत 15 सितंबर को मध्य प्रदेश सीमा में स्थित लोहारीडीह में कचरू साहू का शव पेड़ पर लटकता मिला था।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 09 Nov 2024 01:00 AM (IST)
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कांग्रेस नेता कचरू साहू के शव का कब्र से निकालकर फिर होगा पोस्टमार्टम
 जेएनएन, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कवर्धा लोहारीडीह हत्याकांड की जांच में लापरवाही बरतने पर शासन की ओर से गलती स्वीकार करने के बाद मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू उर्फ शिवप्रसाद के शव को कब्र खोदकर निकालने और डाक्टरों की टीम से पुन:पोस्टमार्टम कराने का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि गत 15 सितंबर को मध्य प्रदेश सीमा में स्थित लोहारीडीह में कचरू साहू का शव पेड़ पर लटकता मिला था।

भाजपा नेता के बेटे ने हत्या की साजिश रची थी

आरोप था कि भाजपा नेता के बेटे ने हत्या की साजिश रची थी। मृतक कचरू साहू की बेटी व मां की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पूर्व में एकलपीठ से याचिका निरस्त हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पेश रिपोर्ट में शुरुआती जांच में गलती होना स्वीकार किया गया।

छत्तीसगढ़ शासन ने अपने जवाब में यह भी कहा कि घटना के बाद जिस तरह परिस्थितियां बन रही थी, उसे देखते हुए शार्ट पोस्टमार्टम कराया गया था। शार्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर मृतक कचरू साहू के शव को उसकी नौ साल की बेटी को सौंप दिया था। इसके बाद शव स्वजनों की उपस्थिति में दफना दिया गया।

दोनों सरकार के विरोधाभासी बयान

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने बताया कि जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, तब वहां के महाधिवक्ता ने जवाब में बताया था कि शव स्वजनों को सौंपा गया है। जबकि, शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश शासन की ओर से कहा गया कि शव बेटी को सौंपा गया था।

मप्र हाई कोर्ट में दायर याचिका में छत्तीसगढ़ सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। इसमें बताया गया है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इस घटना के बाद हुए बवाल और आरोपितों के घर में आगजनी और जिंदा जलाने के केस में बड़ी संख्या में गिरफ्तारी की गई है, जिसमें मृतक कचरू साहू की पत्नी भी आरोपित है और वह जेल में बंद है।

मामले में चार आरोपित गिरफ्तार 

याचिका में हत्या का केस दर्ज कर आरोपितों की गिरफ्तारी करने की मांग की गई थी। पूर्व में युगलपीठ ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया। कोर्ट को बताया गया कि चार आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि घटना के बाद पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई की उसे लेकर भी आपत्ति है।

पहले फांसी लगाने से मौत की बात कही, फिर पुलिस की जांच पर सवाल उठने पर हत्या का केस दर्ज कर लिया गया। विवेक तन्खा ने पूरी घटना की स्वतंत्र एजेंसी से जांच के साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से परिवार वालों की मौजूदगी में मृतक कांग्रेस नेता कचरू साहू शव का पोस्टमार्टम कराएं और रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की जाए।

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