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Madhya Pradesh News: त्याग की अनुपम मिसाल, किसी ने व्यवसाय, तो किसी ने नौकरी छोड़कर दीक्षा ली

पंचकल्याणक महा महोत्सव में एक बार फिर एक नया इतिहास रचने का अवसर प्राप्त हुआ। जब आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने तप कल्याणक उत्तर के दिन रविवार को उस दौरान जब 24 बालक तीर्थंकर को बैराग्य हुआ। तभी 17 छुलल्क दीक्षाएं दी गई।

By Priti JhaEdited By: Updated: Mon, 21 Feb 2022 03:27 PM (IST)
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पंचकल्याणक महा महोत्सव में एक बार फिर एक नया इतिहास रचने का अवसर प्राप्त हुआ।
दमोह, जेएनएन । कुंडलपुर में यह चौथी बार अवसर था जब आचार्यश्री ने दीक्षा दी। इसके पूर्व तीन आयोजन कुंडलपुर में हो चुके हैं। विश्व जैन तीर्थ स्थलों में एक अपनी अलग पहचान बनाने वाले कुंडलपुर में चल रहे पंचकल्याणक महा महोत्सव में एक बार फिर एक नया इतिहास रचने का अवसर प्राप्त हुआ। जब आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने तप कल्याणक उत्तर के दिन रविवार को उस दौरान जब 24 बालक तीर्थंकर को बैराग्य हुआ। तभी 17 छुलल्क दीक्षाएं दी गई।  

जानकारी के अनुसार सागर जिले के ही महाराजपुर कस्बे के महेंद्र सोधिया के तृतीय सुपुत्र अंकेश सोधिया वर्तमान में ब्रह्मचारी ईश्वर भैया के नाम से जाने जाते हैं। निर्यापक मुनिश्री योग सागर महाराज के सत्सघ अक्टूबर 20 में घर त्याग कर दिया था। एनिमेशन की डिग्री पुणे से करने के बाद धनतेरस के दिन 2015 में बीना बारह में हुए चतुर्मास में ब्रह्मचर्य व्रत लिया था। उनके पिता ने बताया कि 9 वर्ष की उम्र में घर में प्रथम तल से कुएं में गिर गये थे लेकिन खरोच भी नहीं आई थी और कई वर्षों तक बीना बारह में हाथ करधा का कार्य भी उन्होंने देखा।

मालूम हो कि वैराग्य की ओर सौरभ भैया की यह तीसरी पीढ़ी है पहले दादी माता जी हैं पिताजी की भी 3 वर्ष पूर्व कोलकाता में दीक्षा हुई थी। वे मुनि महाराज हैं और अब 14 अगस्त 90 को जन्में ब्रह्मचारी सौरभ भैया ने भी आचार्यश्री भगवन का आशीर्वाद प्राप्त का दीक्षा ले रहे हैं। सुभाष नगर सागर निवासी सौरभ भैया के गृहस्थ अवस्था के पिताजी का नाम मुन्ना लाल जैन है और पिछले 28 दिसंबर 2020 से घर का त्याग करके मुनिश्री वीर सागर महाराज के साथ थे। दो भाइयों और दो बहन हैं। एक भाई सचिन जैन हैं। सागर में दोनों भाई मिलकर के परफेक्ट ट्राउजर का निर्माण कर व्यापार करते थे उन्होंने डोंगरगढ़ में आचार्यश्री से 8 वर्ष पूर्व आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया था।

सागर जिले की ही सीहोर निवासी आचार्य संघ में मुनिश्री श्रमण सागर महाराज के गृहस्थ अवस्था के छोटे भाई और 2011 से ब्रह्मचारी व्रत लिया। राहुल जैन कालु भैया के नाम से जाने जाते थे। निर्यापक मुनिश्री समय सागर महाराज की संघस्थ थे। 9 अक्टूबर 1987 को जन्मे राहुल भैया ने बीई आईटी से इंदौर से किया है और उनकी केंपस जाब लग गई थी 6 लाख रुपए का पैकेज छोड़कर हैदराबाद से घर आ गए थे। तीन भाइयों में सबसे छोटे भाई हैं। पिता रविंद्र जैन पुष्कल और मां श्रीमती मैना बाई हैं और इनके बड़े भाई आचार्य संघ में मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज हैं।

वहीं बीएसएनएल से 14 अगस्त 2020 को बीआरएस लेकर सेवानिवृत्त होने के बाद 20 फरवरी 22 को इंजीनियर राजेश जैन वर्तमान में ब्रह्मचारी राजेश भैया के नाम से जाने जाते थे। वह बड़े बाजार स्थित घटिया के जैन मंदिर के निवासी हैं। लगभग 42 वर्षीय राजेश भैया ने सागर इंजिनियरिग कालेज से बीई भी किया था और इंदौर में एमई किया। वर्ष 2006 में गुजरात में बीएसएनएल में नौकरी लगी और 2009 से 2020 तक वह सागर में पहले जेई और बाद में एसडीओ के पद पर रहे।

आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद के बाद उन्होंने पद त्याग दिया और घर छोड़ दिया और निर्यातक मुनिश्री समय सागर महाराज के संघस्थ उन्होंने साधना की है। उनके बड़े भाई महेंद्र कुमार जैन शासकीय शिक्षक हैं। सुरखी निवासी और वर्तमान में नगर निगम मार्केट सागर के पीछे निवासरत मयूर भैया के पिता मुकेश जैन और माता सरिता जैन के अलावा एक भाई शुभम और बहन नैंसी है। बीकाम तक शिक्षा है सागर के आर्ट एंड कामर्स कालेज से उन्होंने पढ़ाई की है और 2016 में सुरखी में आचार्यश्री के आशीर्वाद से उन्होंने ब्रम्हचर्य व्रत लिया था और वर्तमान में निर्यापक मुनिश्री समय सागर महाराज के सघस्थ थे 28 वर्षीय मयूर भैया का जन्म 25 जून 1993 को हुआ था।

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