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जहां से निकलना है हाईवे... वहां लाइन से बना डाले 2000 घर; मध्य प्रदेश में सामने आया मुआवजे का हैरतअंगेज खेल

मध्य प्रदेश के सिंगरौली में मुआवजे का बड़ा खेल सामने आया है। यहां प्रस्तावित सिंगरौली-प्रयागराज हाईवे की खातिर चिह्नित जमीन पर लोगों ने करीब दो हजार घरों का निर्माण करा दिया है। यह पूरा खेल सिर्फ दो महीने में किया गया है। अब भी निर्माण कार्य जारी है। इसके पीछे की वजह यह है कि आवासीय मुआवजा अधिक मिलता है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 13 Jul 2024 10:47 PM (IST)
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मध्य प्रदेश में मुआवजे के नाम पर बड़ा खेल आया सामने।
जेएनएन, सिंगरौली। मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाईवे बनना है। इसके लिए चिह्नित भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। ऐसे में हाईवे की जमीन पर मकान बनाकर ज्यादा से ज्यादा मुआवजा पाने का खेल किया गया है। हाईवे के लिए चिह्नित भूमि पर पिछले दो महीने में ही दो हजार से अधिक घर बनाकर खड़े कर दिए गए हैं।

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सरकारी तंत्र की मिलीभगत

मकानों के निर्माण का यह सिलसिला अभी भी जारी है। हालांकि यह सब सरकारी तंत्र की मिलीभगत से किया गया है। यही वजह है कि ये निर्माण धड़ाधड़ किए जाते रहे और इनको रोका नहीं गया। उप विभागीय मजिस्ट्रेट सुरेश जाधा के मुताबिक अधिग्रहण के लिए भूमि का चिह्नांकन हो चुका है। इसके बाद कराए गए निर्माणों को भी सर्वे करके चिह्नित कराया गया है। ऐसे में उनको अवैध मानते हुए कार्रवाई की जाएगी, अधिक मुआवजा देने का प्रश्न ही नहीं है।

दो तहसीलों के 32 गांवों में हुआ सर्वे

सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाईवे के लिए कुछ माह पहले जमीन का सर्वे किया गया। मप्र में सिंगरौली जिले में 70 किलोमीटर तक हाईवे बनना है। इसके लिए दो तहसीलों के 32 गांवों का सर्वे किया जा चुका है। करीब 114.154 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना मार्च में जारी हो चुकी है। इसके बाद से ही जमीन की खरीद-फरोख्त और नामांतरण पर रोक लग दी गई थी। दोनों तहसीलों के इन सभी गावों में ज्यादा से ज्यादा मुआवजा पाने के लालच में लोगों ने पक्के निर्माण कराने शुरू कर दिए।

आवासीय श्रेणी में अधिक मुआवजे का प्रविधान इसलिए खेल

दरअसल, जमीन अधिग्रहण नियमों के मुताबिक अधिग्रहण वाली भूमि पर यदि मकान बना होता है तो नियमानुसार, उसे आवासीय श्रेणी में मानते हुए पुनर्वास पैकेज में कृषि भूमि से बहुत अधिक मुआवजा दिए जाने का प्रविधान है। इसमें परिवार के एक सदस्य को नौकरी का भी प्रविधान किया जाता है। इस वजह से महज दो महीने में ही करीब दो हजार से अधिक निर्माण कराए जा चुके हैं।

ऐसे चल रहा मुआवजे का खेल

निर्माण कराने वालों में बड़े व्यवसायी और नेता भी हैं। इनमें दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य कुछ राज्यों के लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं। इन्होंने भूस्वामियों से बात करके उनकी जमीन पर यह कहते हुए निर्माण कराया है कि उनको मकान होने पर अधिक मुआवजा मिलेगा और इसमें बंटवारा कर लिया जाएगा। अधिक मुआवजे के लालच में कई ने तो टीन शेड ही डालकर निर्माण करा लिया है।

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