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27 प्रवासियों को राष्ट्रपति ने दिया प्रवासी भारतीय सम्मान, कहा- 25 वर्षों में भारत फिर होगा विश्वगुरु

तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन पर मुर्मु ने दिया संबोधन -गुयाना के राष्ट्रपति सहित 27 प्रवासियों को राष्ट्रपति ने दिया प्रवासी भारतीय सम्मान। 2021 में प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वाले सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी भी समारोह में शामिल हुए।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 11 Jan 2023 04:39 AM (IST)
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प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद रहे। (Photo-ANI)

इंदौर, जेएनएन। आजादी के अमृतकाल में भारत ने फिर से विश्वगुरु बनने की यात्रा शुरू कर दी है। अगले 25 वर्ष यानी आजादी के शताब्दी वर्ष तक देश यह लक्ष्य हासिल कर लेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार शाम 17वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के समापन अवसर पर यह बात कही। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से देश की प्रगति में योगदान देने की अपील करते हुए निवेश का आमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति मुर्मु ने स्वर्ण पदक और सम्मान-पत्र प्रदान कर वर्ष-2022 के प्रवासी भारतीय सम्मान से 27 प्रवासियों को सम्मानित किया।

17वें प्रवासी भारतीय दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली को भी यह सम्मान दिया गया। 2021 में प्रवासी भारतीय सम्मान पाने वाले सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी भी समारोह में शामिल हुए। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ¨सधिया, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे।

2021 के प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित प्रवासियों को भी मंच पर आमंत्रित किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतियों को दिया जाना वाला यह सर्वोच्च सम्मान है। प्रवासी भारतीयों की अद्वितीय उर्जा और उपलब्धियों से भारत गौरवान्वित है। राष्ट्रपति ने आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दो दशक से यह मंच भारत सरकार, प्रवासी और यहां के नागरिकों को आपस में जोड़ने का काम कर रहा है। उन्होंने मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को राजनैतिक और आर्थिक रूप से चुनौतियों से भरा समय करार देते हुए कहा कि ऐसे समय भी भारत अपने हितों की रक्षा करते हुए दुनिया के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा है। तमाम देशों के साथ बेहतर संबंधों को भी बनाए हुए है।

प्रवासियों से भारत की तरक्की में सहयोगी बनने और योगदान देने की अपील करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आपके अनुभव, आइडिया, इनोवेशन, तकनीक और निवेश देश की प्रगति और विश्वगुरु बनने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति मुर्मु ने महात्मा गांधी को भी प्रवासी दिवस पर याद किया। भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी थीम एक विश्व, एक परिवार और एक भविष्य हमारी प्राचीन परंपरा पर ही आधारित है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा प्रवासियों के सुरक्षित प्रवास के लिए किए जा रहे प्रयासों को बताते हुए आपरेशन गंगा का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि प्रवासियों की समस्याओं, खासतौर पर काम के लिए विदेश जाने वाली महिलाओं और बच्चे की परेशानी के निराकरण के लिए डिजिटल हेल्प डेस्क तैयार की गई है।

आपने भारत की साख बनाई, हम दे रहे सम्मान

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमारे प्रवासी अद्वितीय हैं। परिश्रम और निष्ठा के दम पर उन्होंने दुनियाभर में उपलब्धियां हासिल कीं और देश की साख भी दुनिया में बढ़ाई है। आज दिए जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मान इस बात का प्रति¨बब हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में भारतीय मेधा, कौशल की मांग बनी हुई है। विभिन्न देशों में प्रवासियों के काम और आवागमन को सुगम बनाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भारतीय प्रवासी दिवस अतीत के बलिदान का स्मरण करते हुए भविष्य के सपनों को साकार करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का अवसर है।

वैश्विक प्रतिबंधों में मददगार बने प्रवासी

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद जब विश्व ने देश पर तमाम प्रतिबंध लगाए तो प्रवासी भारतीयों ने ही देश का सबसे ज्यादा साथ दिया और दुनिया का रुख बदलने में भूमिका निभाई। 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत की। प्रवासियों को उन्होंने नवरत्नों की संज्ञा दी। सिंधिया ने कहा कि कहावत सही है कि भारतीय को भारत से दूर कर सकते हैं, लेकिन उसके दिल से कभी भारतीयता जुदा नहीं हो सकती। उन्होंने प्रवासियों के तौर पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से लेकर माइक्रोसाफ्ट के सत्यम नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई और तमाम हस्तियों का जिक्र किया। उन्होंने प्रवासियों से कहा कि 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

तुम याद बहुत आओगे

प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भावुक नजर आए। उन्होंने खुद को प्रवासी युवाओं का मामा करार दिया। प्रवासियों से कहा कि तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि तुम बिन राजबाड़ा भी सूना और सराफा भी सूना। मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से बुधवार से शुरू होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भागीदारी करने की अपील करते हुए प्रदेश में निवेश का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि आपके स्वागत के लिए इंदौर शहर ने ऐसी तैयारी कि जैसे कोई परिवार बेटी की शादी के लिए करता है। एक दिन पहले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में कई प्रवासियों को जगह नहीं मिल पाने पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी की लोकप्रियता इतनी है कि आयोजन स्थल पर जगह कम पड़ गई।

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