UP Assembly Election 2022: प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव के लिए मांगे मध्य प्रदेश से विधायक और दिग्गज नेता
UP Assembly Election 2022 प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश से विधायक और दिग्गज नेताओं की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी से विधायकों और उन वरिष्ठ नेताओं के नाम मांगे गए हैं जिन्हें यूपी चुनाव कार्यों में लगाया जा सकता है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Tue, 14 Dec 2021 12:43 PM (IST)
भोपाल, जेएनएन। उत्तर प्रदेश (यूपी) विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर हैं। उत्तर प्रदेश की प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश से विधायक और दिग्गज नेताओं की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी से विधायकों और उन वरिष्ठ नेताओं के नाम मांगे गए हैं, जिन्हें यूपी चुनाव कार्यों में लगाया जा सकता है। पड़ोसी क्षेत्र ग्वालियर-चंबल और विंध्य-बुंदेलखंड से अधिक संख्या में कार्यकर्ताओं को भेजने की तैयारी है। इसमें मौजूदा और पूर्व विधायक भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के करीब पचास विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जो मध्य प्रदेश की सीमा के करीब हैं। दोनों राज्यों के लोगों का यहां पारिवारिक रिश्ता है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी मध्य प्रदेश से कांग्रस-भाजपा के नेता उत्तर प्रदेश में सक्रिय थे।
ऐसे तैयार होगी सूची इनमें कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा से डा. नरोत्तम मिश्रा आदि दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश भेजे गए थे। इस बार कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल को राष्ट्रीय सचिव बनाकर भेजा है। ऐसे में मध्य प्रदेश की भूमिका उत्तर प्रदेश में वैसे भी बढ़ गई है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि केंद्रीय संगठन के निर्देश पर तैयारी की जा रही है। विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करके सूची तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही केंद्रीय संगठन को भेजा जाएगा। इन नेताओं का उपयोग कहां और कब करना है, यह उत्तर प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस कमेटी तय करेगी।
कर्ज माफी को बनाया जाएगा मुद्दा प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री (मीडिया) केके मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस घोषणा कर चुकी है कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। मध्य प्रदेश में तत्कालीन कमल नाथ सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी थी। राज्य में कर्जमाफी का दूसरा चरण प्रारंभ होने वाला था, लेकिन भाजपा ने षड्यंत्र करके कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया। दरअसल, भाजपा की प्राथमिकता में कभी किसान रहे ही नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाएगा।
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