मध्य प्रदेश के श्योपुर में 56 मदरसों की मान्यता समाप्त, हिंदू बच्चों के नाम से ली जा रही थी सरकारी मदद
मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने 56 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी। यह कार्रवाई करीब डेढ़ महीने बाद मंगलवार को श्योपुर में जिला शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों में संचालित मदरसों के भौतिक सत्यापन की जांच में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम दिए जाने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मुख्य सचिव वीरा राणा को दिल्ली तलब किया तो इसके करीब डेढ़ महीने बाद मंगलवार को श्योपुर में जिला शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने 56 मदरसों की मान्यता समाप्त कर दी। इन मदरसों में हिंदू बच्चों के नाम सरकारी मदद ली जा रही थी।
हिंदू छात्र-छात्राओं के नाम पर भी सरकारी सहायता ली जा रही थी
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों में संचालित मदरसों के भौतिक सत्यापन की जांच में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। श्योपुर जिला शिक्षा अधिकारी की जांच में यह सामने आया कि मदरसों में ऐसे हिंदू छात्र-छात्राओं के नाम पर भी सरकारी सहायता ली जा रही थी, जिनकी शिक्षा पूरी हो चुकी है या वह नौकरी कर रहे हैं।
ऐसे ही कुछ नामों में मानव गोयल का नाम मदरसा में लिखा मिला, लेकिन वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रिया मित्तल डॉक्टर हैं, पर उनके नाम पर सरकारी खाद्यान्न लिया जा रहा था। ज्योत्सना गोयल भी डॉक्टर बन गईं, लेकिन उनका नाम भी शामिल है। मदरसों में कई ऐसे छात्र हैं, जिनका नाम वर्ष 2004 में दर्ज था, फिर 2018 और 2023 में भी उसी छात्र का नाम शामिल कर लिया गया।
मप्र के 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे ले रहे तालीम
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के कुल 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे तालीम ले रहे हैं। इनमें सर्वाधिक मुरैना के 68 मदरसों में 2068, भिंड के 78 मदरसों में 1812 और रीवा के 111 मदरसों में 1426 हिंदू बच्चे तालीम ले रहे हैं। जानकारी सामने आने के बाद आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। अब मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
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