मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में OBC आरक्षण से संबंधित याचिकाओं पर नियमित सुनवाई फिर शुरू
मध्य प्रदेश हाइकोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित 62 याचिकाओं पर आज से नियमित रूप से सुनवाई फिर शुरू होगी। 30 जून 2003 को मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। हालांकि 13 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय में इसे रद कर दिया गया था।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 08:41 AM (IST)
जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्क। Madhya Pradesh High Court News: 13 सितंबर (आज) से ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) से संबंधित 62 याचिकाओं पर नियमित सुनवाई फिर शुरू होगी। इससे पहले 6 सितंबर को हाईकोर्ट ने 22 अगस्त से चल रही सुनवाई स्थगित कर दी थी। ओबीसी से जुड़ी याचिकाएं आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में लंबित ये बात हाइकोर्ट को बताया गया था।
ओबीसी को मिला था 27 प्रतिशत आरक्षण
30 जून 2003 को मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। हालांकि 13 अक्टूबर 2014 को उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने इसे रद कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय में उक्त आदेश के खिलाफ भी एक विशेष अनुमति याचिका लंबित है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इन सभी का स्टेटस पेश करने के लिए था। जिसमें पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट भी शामिल है।
अगली सुनवाई में पेश होगी आयोग की रिपोर्ट
6 सितंबर को ओबीसी के लिए राज्यपाल द्वारा नियुक्त विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिख पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग से अधिसूचित जाति, आदिवासी क्षेत्रों की जानकारी सहित रिपोर्ट मांगी थी।
उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर 8 सितंबर को जनजातीय कार्य विभाग एवं पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिवों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गयी थी। उन्होंने बताया कि आरक्षण के मामले उक्त जानकारी सरकार का पक्ष रखने के लिए आवश्यक है। आयोग की रिपोर्ट भी अगली सुनवाई के दौरान पेश की जाएगी। ओबीसी के पक्ष में उदय कुमार साहू और परमानंद साहू समेत अन्य अधिवक्ता 13 सितंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान पक्ष रखेंगे।
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