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Rewa: 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे मासूम मयंक की हुई मौत, 42 घंटे तक चला था सर्च ऑपरेशन

जिंदगी की जंग लड़ रहे 6 साल के मयंक ने आखिर दम तोड़ दिया। रीवा के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरने के बाद रेस्क्यू टीम ने उस मासूम को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की और बच्चे तक पहुंचे। बच्चे को बचाने के लिए लगभग 42 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। NDRF की टीम को बच्चे का शव लगभग 42 फीट गहरे बोरवेल में मिला।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 14 Apr 2024 03:51 PM (IST)
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160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे मासूम मयंक की हुई मौत (Image: Jagran)
जागरण न्यूज नेटवर्क, रीवा। तीन दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ रहे 6 साल के मयंक ने आखिर दम तोड़ दिया। रीवा के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरने के बाद रेस्क्यू टीम ने उस मासूम को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की और बच्चे तक पहुंचे। बच्चे को जब बाहर निकाला गया तो डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। त्यौंथर एसडीएम संजय कुमार जैन ने मयंक की मौत की पुष्टि की। उसका शव त्यौंथर में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

कितने घंटे चला था ऑपरेशन?

बच्चे को बचाने के लिए लगभग 42 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। NDRF की टीम को बच्चे का शव लगभग 42 फीट गहरे बोरवेल में मिला। बता दें कि बोरवेल में गिरे मयंक को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए गए थे। लेकिन, बचाव टीम को पहले दिन बच्चे की लोकेशन नहीं पता चल रही थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर रहे। बच्चे तक पहुंचने के प्रयास में रेस्क्यू टीम लगी रही।

बोरवेल की खुदाई के समय हुई कठिनाई

बोरवेल की खुदाई के समय जलस्तर बढ़ गया था, जिससे रेस्क्यू टीम को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बीच पंप की मदद से पानी को बाहर निकाला गया। हालांकि, कड़ी मेहनत के बावजूद बच्चे की जिंदगी बच नहीं पाई। बता दें कि बच्चे को बचाने के लिए रेस्क्टू टीम के अधिकारी दो रातों से सोए नहीं थे। फिर भी यह प्रयास सफल नहीं हो पाया।

कौन-कौन से अधिकारी थे इस ऑपरेशन में?

कलेक्टर प्रतिभा पाल, एसपी विवेक सिंह, जिप सीईओ सौरभ सोनवाड़े, एएसपी अनिल सोनकर, एसडीएम संजीव जैन, एसडीओपी उदित मिश्रा, थाना प्रभारी कन्हैया बघेल, जनपद सीईओ राहुल पाण्डेय।

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