Madhya Pradesh: सचिन तेंदुलकर ने मध्य प्रदेश के 560 आदिवासी बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा लिया
सेवनिया में करीब 30 बच्चे हैं जिन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। सचिन तेंदुलकर ने प्रदेश के करीब 42 गांवों में सेवा कुटीर बनाए हैं। जिनमें से सेवनिया और देवास जिले के बच्चों से मिलने वे मंगलवार को पहुंचे हैं।
By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 02:49 PM (IST)
सीहोर, जेएनएन। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जो क्रिकेट के भगवान भी कहे जाते हैं। आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। तेंदुलकर ने जिले के 560 आदिवासी बच्चों के भाग्य निर्माण का जिम्मेदारी उठाया है। उन्होंने बच्चों की सहायता के लिए एक गैर-सरकारी संगठन के साथ हाथ मिलाया है।
मालूम हो कि सचिन तेंदुलकर ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के दूरदराज के गांवों में सेवा कुटीर बनाए एक 'एनजीओ परिवार' के साथ साझेदारी की है। इन्हीं में से एक सेवा कुटीर सेवनिया में [आज] मंगलवार को सचिन तेंदुलकर पहुंचे हैं। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर इंदौर से सड़क मार्ग से देवास के जिले के खातेगांव के संदलपुर गांव पहुंचे। जहां उन्होंने एक एनजीओ के कार्यक्रम में शिरकत की। यहां सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि पिता चाहते थे बच्चों के लिए कुछ करें। वो आज हमारे बीच होते बहुत खुशी होती। (एनजीओ) संस्था परिवार एजुकेशन बच्चों की पढ़ाई के लिए कार्य करती है। सचिन बच्चों की पढ़ाई में मदद कर रहे हैं।
सचिन ने टीम के साथ बिल्डिंग का दौरा भी किया। दौरा बेहद ही गोपनिया रखा था, लेकिन जैसे ही सुबह देवास की सड़कों से उनका काफिला गुजरा, तो लोगों ने सचिन को पहचान लिया। काफिल चापड़ा से बागली, पुंजापुरा होकर खातेगांव के संदलपुर पहुंचा। इस दौरान जहां से भी सचिन गुजरे। लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर उनका स्वागत किया। कई लोगों ने रास्तें में उनकी कार पर फूल बरसाए। सचिन सफेद शर्ट में कार की पीछे की सीट पर बैठे थे। सचिन ने कई जगह हाथ हिलाकर लोगों के अभिवादन को स्वीकार किया। कई लोगों ने आवाज लगाकर सचिन को रुकने के लिए भी निवेदन किया। तिरंगा हाथ में लिए लोगों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए। सचिन के साथ विदेशी लोगों की टीम भी थी। इस दौरान सचिन के साथ आई टीम ने शूटिंग भी की। सचिन के दौरे को लेकर सुरक्षा इंतजाम भी किए गए थे।
जानकारी हो कि वे यहां के बच्चों से मिल कर उनका हाल-चाल जानकर उन्हें बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए भी प्रयास करेंगे। मालूम हो कि तेंदुलकर के लिए आज का दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि आज ही के दिन सचिन तेंदुलकर ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास लिया था।सीहोर जिले के गांव सेवनिया, बीलपाटी, खापा, नयापुरा और जामुन झील के बच्चों को अब तेंदुलकर फाउंडेशन की मदद से पोषण भोजन और शिक्षा मिल रही है। जिनमें अधिकतर माध्यमिक शाला के छात्र हैं। बच्चे मुख्य रूप से बरेला भील और गोंड जनजाति के हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि यहां छात्रों को प्रतिदिन दोनों समय भोजन, नाश्ता व पोषण आहार दिया जाता है। साथ ही सप्ताह में एक दिन विशेष भोज दिया जाता है। जानकारी हो कि इस सेवा कुटीर में छात्रों के भोजन का और शैक्षणिक सामग्री का विशेष ध्यान रखा जाता है।जानकारी अनुसार, सेवनिया में करीब 30 बच्चे हैं, जिन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। सचिन तेंदुलकर ने प्रदेश के करीब 42 गांवों में सेवा कुटीर बनाए हैं। जिनमें से सेवनिया और देवास जिले के बच्चों से मिलने वे मंगलवार को पहुंचे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।