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MP में जैविक खेती में अधिकारियों का कारनामा, दो साल में तैयार कर दी भ्रष्टाचार की फसल, कीमत 2.29 करोड़

मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में कृषि विभाग की पोल एक शख्स ने खोल दी। शहडोल के रहने वाले दीपक मिश्रा की शिकायत पर जब जांच की गई तो कृषि विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। अब कलेक्टर ने पूरे मामले में कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने धनराशि की वसूली और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 21 Jul 2024 12:07 AM (IST)
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अनूपपुर में कृषि विभाग में घोटाला आया सामने। (सांकेतिक फोटो)

जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश के अनूपपुर में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहां कृषि विभाग के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार की फसल तैयार की है। बता दें कि यह मध्य प्रदेश का वही अनूपपुर जिला है, जहां पूरे देश में सबसे अधिक जैविक खेती का रकबा है। अधिकारियों ने दो करोड़ 29 लाख रुपये का घोटाला किया है। घोटाले को 2018 से 2020 के बीच अंजाम दिया गया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने केंचुए और अन्य सामग्री में गड़बड़ी कर विभाग को चूना लगाया है।

एक शिकायत से खुल गया घोटाला

शहडोल के रहने वाले दीपक मिश्रा ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत दी थी। उन्होंने गड़बड़ी की जांच की मांग भी की थी। जांच कराने पर शिकायत सही मिली। इसके बाद कलेक्टर ने शासन और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को जानकारी भेजी। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा।

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योजना के मुताबिक अनूपपुर जिले के पांच हजार किसानों को जैविक खाद, केंचुआ, जाल, वर्मी कंपोस्टिंग बेड आदि प्रदान करना था। इस संदर्भ में जिला खनिज निधि से छह करोड़ 93 लाख रुपये की राशि भी जारी की गई थी।

किसे-कितनी धनराशि हुई आवंटित

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी परियोजना को सामग्री खरीदने की खातिर 2.29 करोड़, प्रशिक्षण और अन्य कामों के लिए 2.93 लाख रुपये का आवंटन किया गया। 1.08 करोड़ रुपये की धनराशि एक निजी कंपनी को दी गई, ताकि वह मिट्टी परीक्षण कर सके। योजना के मुताबिक हर किसान को 9770 रुपये का आवंटन किया गया था।

जांच में क्या मिला?

जब जिला प्रशासन ने किसानों से जानकारी हासिल की तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। किसानों ने बताया कि केंचुआ और अन्य सामग्री विभाग ने दी ही नहीं। मिट्टी के परीक्षण में भी गड़बड़ी की गई। अब कलेक्टर ने पूरे मामले में कड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कृषि उप संचालक से 2.29 करोड़ रुपये की वसूली और विभागीय जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही निलंबन प्रस्ताव भी भेजा है।

आर्थिक अपराध शाखा से घोटाले से जुड़ा पत्र मिला था। इसके बाद कमेटी ने मामले की जांच की। जांच में 2018 से 2020 के बीच कृषि विभाग में 2.29 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार मिला है। जानकारी आर्थिक अपराध शाखा रीवा और शासन को भेज दी है। अमन वैष्णव, अपर कलेक्टर, अनूपपुर।

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