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सेक्सटार्शन एक ऐसी फिरौती है जिसमें डिजिटल तरीके से लोगों को शिकार बनाया जाता है। सेक्सटार्शन के लिए बाकायदा एक गैंग काम करती है जिसके सदस्य अलग-अलग किरदार में अपने शिकार को जाल में फंसाते हैं। पढ़ें पूरी खबर-

By Shivam YadavEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 06:31 PM (IST)
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मध्य प्रदेश में सेक्सटार्शन के कारण आत्महत्या का मामला सामने आया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कालेज में स्टोर मैनेजर की नौकरी करने वाले 63 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने बीते शुक्रवार को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जांच में सामने आया कि मृतक बुजुर्ग सेक्सटार्शन गैंग (Sextortion Gang) के जाल में फंसा हुआ था। सेक्सटार्शन एक ऐसी फिरौती है, जिसमें डिजिटल (Digitaly) तरीके से लोगों को शिकार बनाया जाता है। सेक्सटार्शन के लिए बाकायदा एक गैंग काम करती है, जिसके सदस्य अलग-अलग किरदार में अपने शिकार को जाल में फंसाते हैं। मध्य प्रदेश में सेक्सटार्शन के कारण आत्महत्या का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने सनसनीखेज पर्दाफाश किया है। 

आइए जानते हैं कि पुलिस ने सेक्सटार्शन गैंग का पर्दाफाश कैसे किया और यह गैंग लोगों अपने जाल में कैसे फांसती है।

चैटिंग से शुरू होता है खेल, इस्तेमाल करते हैं महिलाओं का नाम

इंदौर (Indore, Madhya Pradesh) के आइपीएस कालेज के स्टोर मैनेजर ने कालेज के ही स्टाफ क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक बुजुर्ग द्वारा इस तरह से सुसाइड किया जाने की घटना से सबको हैरत में डाल दिया। पुलिस भी मामले को लेकर चकरा रही थी। लेकिन जब पुलिस ने मृतक का मोबाइल चेक किया तो इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

पुलिस ने मृतक के माेबाइल में पाया कि वह किसी कुसुम नाम की महिला से चैटिंग (Chatting) करता था। पुलिस ने बताया कि बेशक नाम और डीपी (Display Picture) महिला की थी, लेकिन इसके पीछे ब्लैकमेलर का हाथ था, जो सेक्सटार्शन गैंग का ही सदस्य था।

लोकेशन राजस्थान की, सिम यूपी का

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ब्लैकमेलर ने कुसुम के नाम से वीडियो कालिंग (Video Calling) पर बात कर मृतक का नग्न अवस्था वाला वीडियो बना लिया था। ब्लैकमेलर की लोकेशन राजस्थान में मिली है। जिस सिम के नेटवर्क से चैटिंग की गई, वह उत्तर प्रदेश के सिरपुर की वंदना के नाम से खरीदी गई थी। जबकि काल डिटेल खाली निकली है। पुलिस ने सिम कंपनी को दोबारा मेल भेज कर जानकारी मांगी है।

अगली चाल- वीडियो काल पर उतरवाए जाते हैं कपड़े

पुलिस के मुताबिक, सेक्सटार्शन गैंग लड़कियों के नाम से ही चैटिंग करते हैं। इसकी शुरुआत फेसबुक या मिस्ड काल से होती है। अश्लील बातें कर पीड़ित को वीडियो काल करने पर मजबूर कर देते हैं। 

इसके बाद, दूसरे फोन में रिकार्ड अश्लील वीडियो प्ले कर देते हैं। पीड़ित इसे असली वीडियो कालिंग समझ कर निर्वस्त्र हो जाता है। उसी समय आरोपित स्क्रीन रिकार्ड कर लेते हैं। बाद में इंटरनेट मीडिया पर बदनाम करने की धमकी देकर पीड़ित से रुपयों की मांग होती है।

ब्लैकमेलिंग के तीन किरदार

पहला किरदार: लड़की के नाम से चैटिंग करता है। अश्लील बातें कर पीड़ित का वीडियो बना लेता है। वह बदनाम करने की धमकी देकर रुपये मांगता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सएप पर वीडियो जारी करने की धमकी देता है।

दूसरा किरदार: पुलिस अफसर बनकर पीड़ित को काल कर धमकाता है। अश्लील वीडियो के संबंध में बात कर गिरफ्तारी की धौंस देता है। इस व्यक्ति के ट्रू कालर पर इंस्पेक्टर के नाम से फोन सेव रहता है। फोटो भी पुलिस अफसर की लगी होती है।

तीसरा किरदार: खुद को यूट्यूब का इंडिया हेड बताता है। पीड़ित को बताता है कि उसके पास अपलोड होने के लिए वीडियो आया है। आधा वीडियो अपलोड हो चुका है। 50 हजार से एक लाख रुपये के बीच रुपये मांग कर वीडियो डिलीट करने का झांसा देता है।

हरियाणा और राजस्थान का गैंग है काफी सक्रिय

सेक्सटार्शन गैंग पुलिस अफसर, पूर्व सूचना अधिकारी, विधायकों को भी टारगेट कर चुकी है। मप्र की महिला सांसद को भी काल आ चुके हैं। दिल्ली और मुंबई पुलिस ने मेवात (हरियाणा) और भरतपुर (राजस्थान) के कुछ बदमाशों को भी गिरफ्तार किया था।

हालांकि अब झारखंड और मप्र में भी इस तरह के गिरोह सक्रिय हो चुके हैं। अपराध शाखा के एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, आठ महीने में ही 200 से ज्यादा शिकायतें सेक्सटार्शन के विरुद्ध मिल चुकी हैं। पते फर्जी होने के कारण आरोपितों को पकड़ा नहीं जा सका है।

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