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शिवपुरी की छात्रा का नहीं हुआ अपहरण, दोस्त संग मिलकर रची साजिश; जानिए पिता से क्यों मांगी गई 30 लाख की फिरौती

कोटा से अपहरण का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया। इस मामले ने सभी के होश उड़ा दिए। शिवपुरी के बैराड़ के स्कूल संचालक के पास 18 मार्च को वॉट्सऐप पर बेटी काव्या धाकड़ के अपहरण की तस्वीरें आईं। इस घटना के चलते पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और पुलिसकर्मी जांच में जुट गए। तब जाकर गुत्थी सुलझी कि अपहरण हुआ ही नहीं है।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 20 Mar 2024 09:05 PM (IST)
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शिवपुरी की छात्रा का नहीं हुआ अपहरण (फाइल फोटो)

जेएनएन, शिवपुरी। कोटा से अपहरण का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया। इस मामले ने सभी के होश उड़ा दिए। शिवपुरी के बैराड़ के स्कूल संचालक के पास 18 मार्च को वॉट्सऐप पर बेटी काव्या धाकड़ के अपहरण की तस्वीरें आईं जिसमें काव्या धाकड़ के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे और अपहरणकर्ता ने 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी।

कोटा में छात्रा के अपहरण की घटना सामने आने पर हड़कंप मच गया और पुलिस मामले की गुत्थी को सुलझाने में जुट गई। जब पुलिस ने मामले की जांच तो सामने आया कि छात्रा ने कोचिंग सेंटर में दाखिला तक नहीं लिया। इसके अलावा परिजन जिस हॉस्टल में बिटिया काव्या के रहने की बात बता रहे हैं वहां से उसका कोई ताल्लुक तक नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

जांच में जुटी पुलिस ने एक के बाद एक कई खुलासे किए और यह पता लगाया कि काव्या का अपहरण नहीं हुआ है और तमाम बातें झूठी हैं। छात्रा का अपहरण नहीं हुआ है और न तो वह कोटा में रह रही थी। काव्या ने अपने दो दोस्तों संग मिलकर अपहरण की झूठी स्क्रिप्ट तैयार की थी, क्योंकि वह और उसका एक दोस्त विदेश में पढ़ाई करना चाहते थे और उसके लिए पैसों की जरूरत थी।

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कोटा पुलिस ने छात्रा के साथ एक साथी को पकड़ा है, लेकिन अब तक गिरफ्तारी की बात नहीं स्वीकारी है, जबकि छात्रा और उसका एक साथी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

पुलिस ने उठाया राज से पर्दा

बकौल कोटा पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन, छात्रा तीन अगस्त को अपनी मां के साथ कोटा आई और यहां पर एक कोचिंग सेंटर में दाखिला लेने के लिए रजिस्ट्रेशन फार्म लिया था और एक हॉस्टल में रहने का तय किया जिसके बाद उसकी मां उसी दिन लौट गई थी। इसके बाद छात्रा पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गई। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ।

सूत्रों की मानें तो काव्या ने अपने दो दोस्तों संग मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया जिसमें से एक दोस्त पुलिस हिरासत में है। पूछताछ में यह पता चला कि छात्रा इंदौर में थी। काव्या और उसका दूसरा दोस्त दोनों ही विदेश जाना चाहते थे। उन्हें लग रहा था कि यहां पढ़ाई नहीं कर पाएंगे, इसलिए माता-पिता से पैसे मांगे।

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