शिवराज सरकार ने बढ़ाया गरीबों का सम्मान, गरीबी खत्म करने में MP को मिला पांचवां स्थान
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर अच्छा काम किया है। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट कहती है कि गरीबी उन्मूलन के इस प्रयास में मध्यप्रदेश को देशभर में पांचवां स्थान मिला है। इसका सीधा सा मतलब है कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के सबसे गरीब और हाशिए पर पड़े तबके के पास पहुंचा है।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Tue, 25 Jul 2023 05:29 PM (IST)
भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर अच्छा काम किया है। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट कहती है कि गरीबी उन्मूलन के इस प्रयास में मध्यप्रदेश को देशभर में पांचवां स्थान मिला है। इसका सीधा सा मतलब है कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के सबसे गरीब और हाशिए पर पड़े तबके के पास पहुंचा है।
कागजी योजनाओं से जमीनी परिणाम नहीं लाए जा सकते। बरसों-बरस से योजनाओं के कागजी घोड़े दौड़ाकर हथेली में चांद दिखाने के नतीजे यह थे कि गरीब लगातार गरीबी के धरातल में धंसता जा रहा था, पूंजीपति और जमाखोर अपनी संपत्तियों में बढ़ोत्तरी करते जा रहे थे। लेकिन भाजपा की मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले दो दशक में इस स्थिति को बदला है।
गरीबों को हर क्षेत्र में सक्षमता और सहजता प्रदान कर गरीबी के स्तर को नीचे की तरफ धकेलने में प्रदेश सरकार को सफलता हासिल हुई है। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में पिछले पांच बरसों के कार्यकाल में गरीबी उन्मूलन के बेहतर नतीजे आए हैं। गरीबी उन्मूलन के इस प्रयास में मध्यप्रदेश को देशभर में पांचवां स्थान मिला है।
नीति आयोग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में देशभर के सभी राज्यों की गरीबी स्थिति को दर्शाता एक परिणाम जारी किया है। इस परिणाम में मध्यप्रदेश पांचवें स्थान पर मौजूद है। जहां वर्ष 2015-16 के सर्वे के मुकाबले 15.94 प्रतिशत की गिरावट दर्शाई गई है। वर्ष 2015-16 का सर्वे मप्र में गरीबी का आंकड़ा 36.57 प्रतिशत पर ठहरा हुआ था। जिसे वर्ष 2019-21 के दौरान 20.63 तक लाने में प्रदेश सरकार ने लाने में सफलता प्राप्त की है।
योजनाओं से हुआ संभव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरिआत से ही गरीब, मजदूर, किसानों और निचले तबके के लोगों के साथ अपनेपन का भाव रखा है। इसी के चलते उन्होंने इस वर्ग के जीवन को आसान बनाने और इनके जीवनस्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रयास किए हैं। मंचीय घोषणाओं और कागजी योजनाओं से ऊपर जाकर उन्होंने गरीब कल्याण की योजनाएं बनाई भी और उन्हें जमीनी हकीकत तक भी पहुंचाया।इन योजनाओं पर हुआ फोकस
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 6 लाख 75 हजार से अधिक और ग्रामीण के अंतर्गत 34 लाख 58 हजार से अधिक आवासों का निर्माण।
- पीएम स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के माध्यम से 11 लाख से अधिक छोटे व्यवसायियों को ब्याज मुक्त कर्ज दिलाया गया।- संबल योजना के अंतर्गत लगभग 4 लाख 80 हजार से अधिक हितग्राहियों को 4 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के हितलाभ वितरित किए गए। संबल-2 में 17 लाख 50 हजार से अधिक पात्र हितग्राही जुड़े।- हितग्राहियों को वितरित किए गए 20 लाख से अधिक स्वामित्व कार्ड।
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