मध्य प्रदेश में बेटियों की तकदीर बदलने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं की बदौलत ऐतिहासिक सुधार हुए और पिछले कुछ सालों में इस राज्य में बेटियों के शिक्षा स्तर व जीवनशैली में गजब का परिवर्तन हुआ। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा में बेटियों के ड्रॉप आउट प्रतिशत में गिरावट देखी गई।
By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 06 Sep 2023 04:49 PM (IST)
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। हिंदुस्तान के दिल में बसा मध्य प्रदेश अपनी ऐतिहासिक धरोहर, गौरव और संस्कृति के लिए जाना जाता है। महिलाओं के विकास के लिए लगातार प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही है। ऐसे में शिवराज सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए क्या कदम उठा रही है, कौन सी योजनाएं चला रही है? इससे आपको रूबरू कराएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की बहन, बेटियों को लेकर अक्सर कहा करते हैं कि बहन तुलसी का दिया है, बहन आंगन की रंगोली है, बहन त्योहारों की रौनक है, बहन हिम्मत का धागा है और बहन शुभकामनाओं की रोली है। ऐसी बहनों को मैं प्रणाम करता हूं।
हमारी कहानी एक दृष्टि से शुरू होती है, वो दृष्टि जो हर महिला को महसूस करने, सपने देखने और उन्हें पूरा करने की स्वतंत्रता प्रदान कर सकें। उसके अपने सपनों, जीवन और दृष्टि पर खुद का स्वतंत्र हक हो। शिक्षा सशक्तिकरण का मूल है और शिवराज सरकार ने इसका पूर्ण ख्याल रखा है। कल जिन स्कूलों में पढ़ना भी दूभर था, आज वे स्कूल आधुनिक सुविधाओं और टेक्नोलॉजी व समर्पित कार्यक्रमों से सुसज्जित हैं।
सन 2005 में प्राथमिक स्तर की शिक्षा में बेटियों का जो ड्रॉप आउट दर 18.26 प्रतिशत था, वो 2023 में घटकर 6.63 प्रतिशत हो गया है, जबकि माध्यमिक स्तर की शिक्षा में बेटियों का 2005 में ड्रॉप आउट दर 18.41 प्रतिशत था, जो कम होकर 1.26 प्रतिशत हो गया है।
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महिला साक्षरता दर में बढ़त
शिक्षा में बेटियों के ड्रॉप आउट दर में गिरावट के साथ ही महिला साक्षरता दर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साक्षरता दर में 44 से 65.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।विदिशा की प्रियांशी प्रजापति बताती हैं कि पहले स्कूल कम थे तो बच्चे भी स्कूल नहीं जा पाते थे, लेकिन अब स्कूल बढ़ गए हैं तो बच्चे भी बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार जब उन्हें लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत पैसे मिले थे तो उन्होंने उस पैसे से किताबें खरीदी थीं।
वहीं, विदिशा की प्रियदर्शनी दांगी नामक छात्रा का कहना है कि पहले स्कूल में काफी कम सुविधा होती थी। जैसे- पीने का पानी नहीं होता था और बाथरूम की सुविधा कम होती थी, लेकिन अब सभी सुविधाएं हमारी स्कूल में बढ़ गई हैं।
स्वरोजगार के मिल रहे पूरे अवसर
कल जिन महिलाओं को घर से बाहर निकल पैरों में खड़ा होने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था आज उन्हें रोजगार व स्वरोजगार के पूरे अवसर मिल रहे हैं। स्थानीय निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में 50 फीसदी, पुलिस की नौकरियों में 30 फीसदी और अन्य भारतीयों में 33 फीसदी महिला आरक्षण इस बात का प्रमाण है कि किसी भी क्षेत्र में महिलाओं को कार्यरत होने से वंचित नहीं किया जा रहा है।
नारी सम्मान कोष की स्थापना
शिवराज सरकार ने 100 करोड़ रुपये के नारी सम्मान कोष की भी स्थापना की है। इसके अतिरिक्त छोटे-छोटे व्यवसायों के लिए ब्याज मुक्त कर्ज पीएम स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजनाओं के अंतर्गत दिया जा रहा है, जो महिलाओं को व्यवसायिक क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है।
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लाड़ली लक्ष्मी योजना
एक महिला उद्यमी का कहना है कि प्रदेश में शिवराज सरकार की वजह से महिलाओं को काफी ज्यादा प्रोत्साहन मिल रहा है। छोटी-छोटी योजनाओं से मिल रहे लाभ की बदौलत महिलाएं अपना जीवन-व्यापन कर पा रही हैं, वह पति पर निर्भर नहीं हैं और स्वतंत्र महसूस कर रही हैं।विदिशा निवासी लक्ष्मी कुश्वाह का कहना है कि कुछ गरीबी और अन्य समस्याओं की वजह से बहू-बेटियां आगे नहीं बढ़ पाती थी, वो अब आगे बढ़ पाएंगी।
मध्य प्रदेश की बहन, बेटियों की तकदीर बदलने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना और लाड़ली बहना योजना की शुरुआत की।आईएएस अधिकारी डॉ. राम राव भोंसले ने बताया कि मध्य प्रदेश में साल 2007 में मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत हुई। इसका मुख्य उद्देश्य परिवार और समाज में बेटियों के जन्म के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव करना था और बेटियों को अधिक-अधिक संरक्षण देना, साथ ही पढ़ाना लिखाना शामिल था। ताकि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकें।
CM शिवराज के साथ बना पारिवारिक रिश्ता
प्रदेशवासियों के लिए शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री कम 'मामा' ज्यादा हैं। तभी तो बहन-बेटियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। महिला बाल विकास पर्यवेक्षक विभा सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ एक पारिवारिक रिश्ता बन गया है। हर बेटी उनके लिए भांजी और हर बहन उनके लिए बहना हैं।
46 लाख बेटियों का हुआ लाड़ली लक्ष्मी परिवार
शिवराज सरकार ने एक अप्रैल, 2007 को प्रदेशवासियों के भीतर बेटियों के जन्म को लेकर सकारात्मक सोच, लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने एवं बालिकाओं के पूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई।
लाड़ली लक्ष्मी दिवस
हर साल मध्य प्रदेश में 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस योजना से लाड़लियां वंचित न हों, इसके लिए सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी कानून भी बनाया है। इसके साथ ही लाड़ली ई-संवाद ऐप के माध्यम से लाड़लियां अपनी बात 'मामा' तक पहुंचा सकती हैं।
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