Super Blue Moon: रक्षाबंधन पर दिखेगा सुपर ब्लूमून, खास वजह ने बढ़ाई बहनों की उत्सुकता
इस बार रक्षाबंधन के दिन दिखने वाली चंद्रमा की चमक आम पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी। इस दिन चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी की निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंचने वाला है जिसे आम भाषा में सुपरमून कहते हैं। रक्षाबंधन के दिन चांद का आकार भी बड़ा दिखेगा। जानकारी के मुताबिक यह सुपरब्लूमून नीला नहीं दिखेगा बल्कि पूर्णिमा के चांद की तरह ही चमक रहा होगा
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 30 Aug 2023 12:55 AM (IST)
भोपाल, जेएनएन। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के दिल के बेहद करीब होता है। इस बार यह पर्व बेहद खास होने वाला है, जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह चंद्रमा है। बता दें कि हर साल सावन महीने की पूर्णिमा के दिन यह त्योहार मनाया जाता है।
हालांकि, इस बार रक्षाबंधन के दिन दिखने वाली चंद्रमा की चमक आम पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी। इस दिन चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी की निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंचने वाला है, जिसे आम भाषा में सुपरमून कहते हैं। रक्षाबंधन के दिन चांद का आकार भी बड़ा दिखेगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि हमसे लगभग 3 लाख 57 हजार 181 किमी दूर रहकर चांद आज अपनी पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए निकट बिंदु पर होगा। इस कारण वह माइक्रोमून की तुलना में लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा।
एक अगस्त के बाद 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा
सारिका ने आगे बताया कि दो पूर्णिमा के बीच 29.5 दिन का अंतर होता है और अगर पहली पूर्णिमा महीने की एक या दो तारीख को आती है तो दूसरी पूर्णिमा भी उस ही माह आ जाती है। एक ही अंग्रेजी कैलेंडर माह में दो पूर्णिमा आने पर दूसरी पूर्णिमा के चंद्रमा को मंथली ब्लूमून नाम दिया गया है। एक अगस्त के बाद 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा है।
चंद्रमा और शनि ग्रह आस-पास होंगे
सारिका ने बताया कि यह सुपरब्लूमून नीला नहीं दिखेगा बल्कि पूर्णिमा के चांद की तरह ही चमक रहा होगा तो सुपरमून की चमक को रक्षाबंधन मनाते हुए देख सकते हैं। इसी दिन चंद्रमा की शनि ग्रह के साथ युति होगी। युति से आशय है कि दोनों पास-पास होंगे।दोनों खगोलीय पिंड कोणात्मक रूप से चार अंश 17 कला की दूरी पर होंगे
सायन गणना के अनुसार 30 अगस्त 2023 को चंद्रमा कुंभ राशि में 29 अंश 20 कला पर होगा तथा शनि ग्रह मीन राशि में 3 अंश 37 कला पर होगा। इस प्रकार दोनों खगोलीय पिंड कोणात्मक रूप से चार अंश 17 कला की दूरी पर होंगे। इस कारण चन्द्रमा एवं शनि पास-पास दिखाई देंगे। आकाश बादल रहित होने की स्थिति में चंद्रमा के नीचे की ओर शनि ग्रह को चमकता हुआ भी देख सकेंगे।
दोनों खगोलीय घटनाओं को देखने के लिए टेलीस्कोप की आवश्यकता नहीं होगी। नागरिक अपने घर से ही इसे अच्छी प्रकार से देख सकेंगें। सूर्यास्त के बाद पूर्णिमा का चंद्रमा पूर्व दिशा से उदय होता हुआ दिखाई देगा तथा कुछ समय बाद उसके नीचे आप शनि ग्रह को देख सकेंगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।