मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विजन और सरकार के लगातार प्रयासों के कारण उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण संभव हो सका है। सीएम शिवराज राज्य में धार्मिक टूरिज्म को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं जिसमें महाकाल की नगरी उज्जैन ने बड़ा इपैक्ट डाला है। महाकाल लोक आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी कारगर सिध्द हुआ है।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav TiwariUpdated: Wed, 06 Sep 2023 12:28 PM (IST)
उज्जैन, डिजिटल टीम। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विजन और सरकार के लगातार प्रयासों के कारण उज्जैन में महाकाल लोक का निर्माण संभव हो सका है। सीएम शिवराज राज्य में धार्मिक टूरिज्म को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं जिसमें महाकाल की नगरी उज्जैन ने बड़ा इपैक्ट डाला है। महाकाल लोक ने न सिर्फ यहां पर सामाजिक विकास किया है बल्कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी कारगर सिध्द हुआ है।
महाकाल लोक की भव्यता को देखने के लिए लोग बड़े पैमाने पर यहां आते हैं। इसी कारण से यहां पर आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि यहां पर हर रोज करीब ढाई लाख आते हैं। यहां का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। यहां के स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर बढ़े हैं। यहां पर प्रोपर्टी के दामों में काफी ज्यादा वृद्धि देखी गई है। यहां के छोटे विक्रेताओं को महालोक के निर्माण के बाद से जबरदस्त फायदा हुआ है।
महाकाल लोक के कारण शहर को हो रहे फायदों को गिनाते हुए उज्जैन के डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के लिहाज उज्जैन पूरे भारत का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। महाकाल लोक के बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में छह गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है। लोग महाकाल के दर्शन के बद महाकाल लोक घूमते हैं। लोग यहां पर शाम को घूमना पसंद करते हैं क्योंकि शाम में लाइट के जलने के बाद यहां का नजारा दिव्यता का अनुभव प्रदान करता है। लोग यहां पूरा दिन गुजारते हैं और दूसरे मंदिरों का दर्शन करते हैं। इसी कारण से पूरे शहर की इकोनॉमी में काफी उछाल आया है।
धार्मिक पर्यटन किसी शहर की किस तरह से सूरत बदल सकता है, उज्जैन उसका उदाहरण है। उज्जैन के इस विकास से आम आदमी को सबसे ज्यादा फायदा मिला है। यहां पर रिक्शा वाले, छोटे दुकानदार, तिलक लगाने वाले और फूल माला बेचने वालों के साथ ही बड़े होटल वालों को फायदा हुआ है। यहां पर सिर्फ धार्मिक टूरिज्म से रोजाना 30 करोड़ रुपये का व्यापार होता है। यहां पर भारत सरकार ने 300 करोड़ रुपये का मॉल सेक्शन किया है। इस माल्स में पूरे भारत के हैंडीक्राफ्ट के प्रोडक्ट और एमपी के 52 जिलों के प्रोडक्ट का डिसप्ले किए जाएंगे। आने वाले दिनों में उज्जैन में काफी चीजें देखने को मिलेगी। - उज्जैन के डीएम कुमार पुरुषोत्तम
उज्जैन में आए बदलाव पर चर्चा करते हुए महाकाल मंदिर के महंत विनीत गिरी महाराज ने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण के कारण पूरे क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ये बदलाव आध्यात्मिक और आर्थिक रूप दोनों ही तरह से हुआ है। पहले यहां पर रोज करीब 50 हजार श्रद्धालु आते थे लेकिन अब यहां करीब 1.50 लाख रोज आते हैं।
मैं इस इलाके को सन 1963 से लगातार देख रहा हूं। उस समय मंदिर और शहर के यातायात की स्थित काफी पिछड़ी थी लेकिन महाकाल लोक के बाद स्थिति तेजी से बदली है। यहां के व्यवसायियों की कमाई दोगुनी हो रही है। यातायात के साधन भी अच्छे हुए हैं। रेलवे की स्थिति भी अच्छी हुई है। - उज्जैन के वरिष्ठ समाजसेवी मोहन लाल राठौड़
स्थानीय नागरिक ने कहा कि यहां पर होटलों का जबरदस्त विकास हुआ है। एमपी ने महाकाल लोक का निर्माण किया है जिस कारण से काफी संख्या में पर्यटक बाहर से यहां पर आ रहे हैं।
लाइटिंग में जीवंत हो जाता है महाकाल लोक
उज्जैन शिप्रा के तट पर बसा है। यहां पर बाहर से आने वाले पर्यटक को बहुत शानदार एहसास हो रहा है। महाकोल लोक में शाम को होने वाली लाइटिंग आपको एक अलग ही लोक में ले जाती है। इस लाइटिंग के जरिए पूरे महाकाल लोक को निखारा गया है। लाइटिंग के कारण यहां लगीं मूर्तियां जीवंत लगती हैं। इसके साथ दीवारों पर उकेरे गए श्लोक आपको आध्यात्मिक अनुभव से सराबोर कर देते हैं।
दो साल पहले बना ये महाकाल लोग बहुत ही शानदार है। यहां शिव की अलग-अलग मुद्राओं की मूर्तियां हैं जो कि आपको एक अलग ऊर्जा से भर देती हैं। यहां पर सरकार ने बहुत शानदार व्यवस्था की है जिससे यह लगता है कि ये पूरी जगह ही मंदिर है।
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