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Bhopal News: युवा बाघ को पकड़ने में वन विभाग के छूटे पसीने, विशेषज्ञ भी हुए पस्‍त

मैनिट परिसर में घूम रहे बाघ को पकड़ने के लिए 15 दिन पहले बाघ के घुसने के बाद से उसकी सुरक्षा में 50 वन कर्मियों को तैनात किया गया है। पिंजरे के पास भी आ रहा है लेकिनवन विशेषज्ञ उसे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Babita KashyapUpdated: Sat, 15 Oct 2022 09:18 AM (IST)
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वन्यजीव विशेषज्ञ भी मैनिट परिसर में घूम रहे बाघ के आगे पस्‍त हो गए हैं।
भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। वन्यजीव विशेषज्ञ भी मैनिट परिसर में घूम रहे बाघ के आगे पस्‍त हो गए हैं। बाघ के पैरों के निशान भी दिख रहे हैं और वह शिकार भी कर रहा है। पिंजरे के पास भी आ रहा है लेकिन इसके बावजूद भी वन विशेषज्ञ उसे पकड़ने और खदेड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।

अगर वह खुद अपना ठिकाना नहीं बदलता तो उसे पकड़ना ही एकमात्र उपाय है। जिसे लेकर काम चल रहा है। 15 दिन पहले बाघ के घुसने के बाद से उसकी सुरक्षा में 50 वन कर्मियों को तैनात किया गया है।

दो दिन पहले अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव विभाग शुभ रंजन सेन और डाक्टरों की एक टीम ने मैनिट परिसर में घूमने वाले इलाके को देख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई गई है।

बाघ के सामने वनकर्मी इस तरह हो रहे हैं पस्‍त

1- विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी बाघ किसी भी नए इलाके में 15 दिन तक भ्रमण नहीं करता है।

दो से तीन दिनों में ये अपना स्थान बदल लेता है, लेकिन यह नहीं बदल रहा है।

2- दिन में यह झाड़ियों और घास के बीच छिप जाता है, इसलिए दिन में खोजने पर नहीं मिलता। नए बाघ यही करते हैं।

3- यह एक युवा बाघ है, जिसकी आयु ढाई साल बताई गई है, ये अनुभव में भी कम है।

पहली बार हो रहा है ये

1- वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वह दोनों के आसपास घूमता है लेकिन बकरी का शिकार करने के लिए उनके अंदर प्रवेश नहीं करता है। आमतौर पर देखा गया है कि बकरी को देख बाघ अंदर आ जाते हैं और पिंजरे में फंस जाते हैं।

2- मैनिट परिसर में बाघ सीमित दायरे में घूम रहा है ये अपना ठिकाना नहीं बदल रहा है।

वन विभाग के लिए चुनौती

1- मैनिट में 600 एकड़ वन क्षेत्र है, इसमें बड़ी झाड़िया, घास और पेड़ है। अगर हाथी भी उन्‍हें पकड़ने के लिए मंगवाया गया तो भी ये काम आसान नहीं होगा।

2- ये भी जरूरी नहीं है कि अगर हांका डाला गया तो भी वह मैनिट को छोड़ मूल जंगल में चला जाएगा, वह शहर में भी जा सकता है।

भोपाल सामान्य वन मंडल के डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि बाघ अभी भी यहीं है हम उसकी निगरानी कर रहे हैं। इस योजना पर वरिष्‍ठ स्‍तर पर निर्देश मिलने के बाद काम किया जाएगा।

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