Ganga Mahadev Indore: पर्यटकों को लुभा रहा है इंदौर का 'गंगा महादेव' यहां पांडवों ने स्थापित किया था शिवलिंग
Ganga Mahadev In Indore इंदौर से लगभग 80 किमी दूर है गंगा महादेव यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि भक्ति और किंवदंतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। पांडव 12 साल के वनवास के दौरान यहां आए थे और उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी
By Babita KashyapEdited By: Updated: Sat, 27 Aug 2022 09:30 AM (IST)
इंदौर, जागरण आनलाइन डेस्क। इस शहर में जहां ऐतिहासिक विरासत, गगनचुंबी इमारतें, ब्रांडेड बाजार, मल्टीप्लेक्स, एडवेंचर एक्टिविटी कराटे रिसॉर्ट और फाइव स्टार होटल हैं, वहीं कई ऐसे स्थान हैं जहां प्रकृति और आध्यात्मिकता के साथ रोमांच का आनंद लिया जा सकता है।
प्रकृति जहां अपनी खूबसूरती का जलवा बिखेरने पर आमादा है, वहीं मानव निर्मित कृतियां इसे और भी रमणीय बना रही हैं। ऐसा ही एक स्थान है 'गंगा महादेव' जो शहर की हलचल से दूर वह शांति प्रदान करता है जिसकी हर कोई तलाश कर रहा है।
यहां पांडवों ने की थी शिवलिंग की स्थापना
गंगा महादेव इंदौर से धार और वहां से अहमदाबाद होते हुए तिरला गांव पहुंचा जा सकता है। इंदौर से लगभग 80 किमी दूर यह स्थान न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए बल्कि भक्ति और किंवदंतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि पांडव 12 साल के वनवास के दौरान यहां आए थे और उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी और वे यहां बनी गुफा में भी रहते थे।
वहीं दूसरी ओर एक अन्य कथा यह भी है कि भगवान शिव के क्रोध के कारण यहां एक खाई बनाई गई थी और भगवान यहां लिंग के रूप में बस गए थे। इसी तरह की किंवदंतियां यहां सुनी जा सकती हैं।
कथा चाहे कुछ भी हो, लेकिन सच्चाई यह है कि इस स्थान पर भगवान शिव की कृपा और गंगा की निर्मल धारा दोनों का अनुभव किया जा सकता है। वैसे तो यहां पर साल भर झरना गिरता रहता है, लेकिन बरसात के मौसम में इसकी धारा एक विशाल रूप धारण कर लेती है और यही सुंदरता पर्यटकों को मोह लेती है।
गुफा में विराजे महादेव गंगा महादेव तक पहुंचने का रास्ता जितना खूबसूरत है, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत यहां बनी गुफा तक पहुंचने का रास्ता है। इस गुफा तक करीब 25-30 सीढ़ियां उतरकर पहुंचा जा सकता है।इंसानों ने गुफा तक जाने के लिए जो रास्ता बनाया है उसकी खास बात यह है कि यह रास्ता झरने के पीछे से होकर गुफा तक जाता है। झरने की बूंदों से आधा भीगा हुआ और आधा सूखकर पर्यटक उस विशाल गुफा में पहुंचते हैं जहां भगवान शिव को शिवलिंग के रूप में विराजमान किया गया है।
समय व्यतीत करने का सुंदर विकल्पयूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया स्टेट ब्रांच के अध्यक्ष अशोक गोलाने के मुताबिक, यह एक ऐसी जगह है जहां अगर आप ज्यादा ट्रेकिंग करना चाहते हैं तो खाई में कुछ दूर तक उतर सकते हैं और यहां एक प्राचीन शिव मंदिर भी है।शिव मंदिर के बाद बरसती नदी पार कर बड़ी गुफा तक भी पहुंचा जा सकता है। परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए यह एक बहुत ही खूबसूरत विकल्प है। फिलहाल यहां खानपान की छोटी दुकानें भी लगने लगी हैं और सुरक्षाकर्मी भी तैनात हैं। पर्यटकों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए अब यहां एक सुविधा भी बनाई गई है।
ट्रेकिंग का लें मजा यहां एक तालाब भी बनता है और बरसात के मौसम में जब उसमें पानी अधिक हो जाता है तो अतिरिक्त पानी दूसरे झरने के रूप में खाई में गिर जाता है। कभी-कभी पर्यटक यहां तीन झरनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।गुफा के बाहर एक कुंड है जहां झरना गिरता है, जिसके अंत में नहाने का भी आनंद लिया जा सकता है। यहां बरसाती नदी भी बहती है, जिसे पार करना किसी ट्रैकिंग से कम नहीं है। यह एक ऐसी जगह है जहां हर उम्र के लोग जा सकते हैं।
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